प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान के शामिल होने की चर्चा से विवाद बढ़ गया है। बता दें कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस चिराग पासवान के चाचा और स्वर्गीय रामविलास पासवान के भाई हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, देश में राजनीतिक हलचल तेज हो रही है। देश को विकास की राह पर बनाए रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी एनडीए के घटक दलों को जोड़ने की कोशिश कर रही है। इसके लिए सत्तारूढ़ दल ने सहयोगी दलों को केंद्रीय कैबिनेट में जगह देने की भी तैयारी कर ली है।
विपक्ष के साथ चाचा-भतीजा भी बढ़ा रहे हैं बीजेपी की टेंशन
फिलहाल खबर है कि केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान यानी चाचा-भतीजे के बीच चल रही खींचतान ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं, तो दूसरी तरफ पासवान चाचा-भतीजा भी भगवा दल को टेंशन बढ़ा रहे हैं।
सीटों को लेकर टकराव
पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं। दोनों नेता हाजीपुर की सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं। इतना ही नहीं, चिराग पासवान ने हाजीपुर के अलावा पांच लोकसभा सीटें और एक राज्यसभा सीट भी मांगी है।
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2019 में लोजपा ने जीती थीं छह सीट
2019 के लोकसभा चुनाव में एलजेपी ने एनडीए के साथ चुनाव लड़कर छह सीटें जीतीं थीं और उसके सभी उम्मीदवार निर्वाचित हुए थे। हालांकि, बाद में पार्टी में फूट पड़ गई और चार सांसद पारस के साथ चले गए। चिराग पासवान अब अपनी पार्टी के अकेले सांसद हैं। बिहार के बदलते राजनीतिक हालात में चाचा-भतीजा और बीजेपी को एक-दूसरे की जरूरत है। बीजेपी नहीं चाहती कि चाचा-भतीजा अलग-अलग लड़ें और पासवान समुदाय के वोटों का बंटवारा हो, क्योंकि बीजेपी के लिए जितने अहम उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी हैं, उतने ही पारस-चिराग भी हैं।चिराग पासवान ने खगड़िया, जमुई और समस्तीपुर सीटों की अदला-बदली बीजेपी से करने की तैयारी दिखाई है। उन्होंने बीजेपी से पूर्व सांसद अरुण कुमार के लिए जहानाबाद सीट खाली करने की मांग की है।