चंद्रयान-3: पलक झपकते ही चंद्रमा की ओर निकल गया एलवीएम-3

चंद्रयान-3 के लांच के समय श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन केंद्र से लांच किया गया। इसके साथ ही अरबों वर्षों से अंधकार में लुप्त चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर विक्रम और ऑर्बिटर प्रज्ञान लैंडिंग करेगा और वैज्ञानिकों को जानकारी प्रदान करेगा।

चंद्रयान-3 का वजन 3500 किलोग्राम का है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम सॉफ्ट लैंडिंग करेगा और इसकी सफलता के साथ ही वह विश्व का पहला लैंडर बन जाएगा। जबकि, भारत चंद्रमा की सतह पर लैंडर उतारनेवाला विश्व का चौथा देश है। चंद्रयान-3 को चालीस दिनों का समय लगेगा चंद्रमा की सतह पर पहुंचने में। इसे दस चरणों में पूरा किया जाएगा। चंद्रयान-3 23-24 अगस्त के बीच चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा।

भारत ने अब तक चंद्रयान के तीन चरणों को लांच कर चुका है।

चंद्रयान-1 को वैश्विक चंद्र मिशनों में एक पथप्रदर्शक माना जाता है, क्योंकि इसने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की है। यह दुनिया भर के 200 से अधिक वैज्ञानिक प्रकाशनों में प्रकाशित हुआ। चंद्रयान-1 तक चंद्रमा को एक सूखा, भूवैज्ञानिक रूप से निष्क्रिय और निर्जन खगोलीय पिंड माना जाता था। इसके बाद से चंद्रमा को पानी और उप-सतह बर्फ की उपस्थिति के साथ एक गतिशील और भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय निकाय के रूप में देखा जाता है।

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चंद्रयान-2 भी उतना ही अग्रणी था, क्योंकि इससे जुड़े ऑर्बिटर के डेटा ने पहली बार रिमोट सेंसिंग के माध्यम से क्रोमियम, मैंग्नीज और सोडियम की उपस्थिति का पता लगाया था। इससे चंद्रमा के जादुई विकास के बारे में अधिक जानकारी भी मिलेगी। चंद्रयान 2 के प्रमुख वैज्ञानिक परिणामों में चंद्र सोडियम के लिए पहला वैश्विक मानचित्र, क्रेटर आकार वितरण पर ज्ञान बढ़ाना, आईआईआरएस उपकरण के साथ चंद्र सतह के पानी की बर्फ का स्पष्ट पता लगाना और बहुत कुछ शामिल है। यह मिशन लगभग 50 प्रकाशनों में प्रकाशित हुआ है।

चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है, जिसके चंद्र सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने की संपूर्ण क्षमता प्रदर्शित करने की उम्मीद है। चंद्रयान-2 मिशन के दौरान लैंडर के ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफलता नहीं मिल पाई थी और इस लिहाज से चंद्रयान-3 मिशन को भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है। मिशन सफल रहा तो चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन जाएगा।

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