आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारत ने आज चंद्रयान 3 मिशन लॉन्च किया। यह लॉन्चिंग दोपहर 2.35 मिनट पर LVM3-M4 रॉकेट से की गई। इस मामले में हमारे भारतीय वैज्ञानिकों की एक विशेष उपलब्धि ये है कि इसे चंद्रयान काफी औसत खर्चें में बनाया गया है। चंद्रयान की कुल लागत हाल ही आई विवादित फिल्म आदिपुरुष की लागत से काफी कम है। आदिपुरुष के निर्माण में 700 करोड़ रुपये खर्च बताया गया, जबकि पूरी दुनिया भारत को एक मुकाम दिलाने वाले चंद्रयान 3 पर कुल 615 करोड़ रुपये ही खर्च हुए हैं। इस तरह चंद्रयान 3 फिल्म आदिपुरुण से 85 करोड़ रुपये सस्ता है। चंद्रयान 2 पर भी 603 करोड़ रुपये ही खर्च हुए थे।
चंद्रयान 3 की कुछ खास बातें
श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ चंद्रयान 3 लगभग 40 दिनों बाद लैंडर और रोवर चंद्रमा पर उतरेगा। ये 14 दिन तक चांद पर एक्सपेरिमेंट करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के ऑर्बिट में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स की स्टडी करेगा। मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि लूनर सरफेस कितनी सिस्मिक है, सॉइल और डस्ट की स्टडी की जाएगी।
चौथा राष्ट्र बनेगा भारत
चंद्रयान 3 के सफल हो जाने के बाद भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाला विश्व का चौथा राष्ट्र बन जाएगा। भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन ही यह मुकाम हासिल कर पाया है।
चंद्रयान 3 की लॉंन्चिंग का गवाह बनने के लिए देश के अंतरिक्ष मामलों के केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह सहित इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ व अन्य वैज्ञानिकों समूह मिशन कंट्रोल रूम में मौजूद रहा। इस ऐतिहासिक उपलब्धि का साक्षी बनने के लिए इसरो की गैलरी में लोगों की भारी भीड़ जमा हो गयी थी।
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