रंगदारी मांगने लश्कर पहुंचा केंद्रीय मंत्री के घर, फिर हुआ ऐसा…

14 जनवरी को जयेश पुजारी ने अपने को दाऊद गिरोह का बताते हुए गडकरी के नागपुर कार्यालय में फोन कर 100 करोड़ रुपये की मांग की थी। इसके बाद एक बार फिर 21 मार्च को नागपुर स्थित गडकरी के कार्यालय में रुपये के लिए फोन कर धमकी दी गई थी। पुजारी को मार्च में बेलगावी की जेल से नागपुर लाया गया

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पैसों के लिए फोन कर धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए जयेश पुजारी और अफसर पाशा के बीच संबंधों के सुराग मिले हैं। पुजारी उर्फ कांथा, अफसर पाशा के साथ कर्नाटक की बेलगावी जेल में बंद था । बेंगलुरु आतंकी हमले के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अफसर पाशा वर्तमान में कर्नाटक की जेल में बंद है। वह पहले जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के लिए टेरर फंडिंग के कार्य को अंजाम देने में जुटा था।

नागपुर पुलिस के अनुसार 14 जनवरी को जयेश पुजारी ने अपने को दाऊद गिरोह का बताते हुए गडकरी के नागपुर कार्यालय में फोन कर 100 करोड़ रुपये की मांग की थी। इसके बाद एक बार फिर 21 मार्च को नागपुर स्थित गडकरी के कार्यालय में रुपये के लिए फोन कर धमकी दी गई थी। पुजारी को 28 मार्च में बेलगावी की जेल से नागपुर लाया गया और उस पर मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया है कि पाशा को गिरफ्तार करने के लिए नागपुर पुलिस की एक टीम बेलगावी भेजी गई है। गौरतलब हो कि केंद्रीय मंत्री गडकरी को मिली धमकी के बाद एनआईए की टीम ने नागपुर का दौरा किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद इस मामले को आतंकी गतिविधि के रूप में रखकर जांच शुरू की।

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