राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) से बगावत कर उप मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले अजित पवार ने शुक्रवार को वित्त मंत्रालय स्थित कार्यालय में अपने चाचा और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की तस्वीर लगाकर वित्त विभाग के कामकाज की शुरुआत की। अजीत पवार ने वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर विभाग की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश भी दिए, लेकिन अजीत के कार्यालय में शरद पवार की तस्वीर के बाद राजनीतिक हलके में अलग-अलग चर्चा होने लगी है।
दरअसल अजीत पवार ने 30 जून को अपने आवास पर बैठक कर शरद पवार को राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने और प्रफुल्ल पटेल को राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने का प्रस्ताव पास किया था और इसे चुनाव आयोग के पास भेज दिया था। इसके बाद शरद पवार की ओर से इस प्रस्ताव को चुनौती दी गई है। चुनाव आयोग ने भी अजीत पवार और शरद पवार को अपने-अपने समर्थकों का शपथपत्र सौंपने को कहा था। इस तरह चाचा-भतीजे में कड़वाहट बढ़ गई थी, लेकिन पवार परिवार की ओर से दोनों को समझाने का प्रयास किया जा रहा था। इसी बीच शुक्रवार सुबह शरद पवार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शपथपत्र सौंपने की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि शरद पवार ने आदेश दिया था कि अजित पवार गुट के कार्यक्रम के पोस्टर पर उनकी (शरद पवार) तस्वीर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, लेकिन पार्टी के स्वामित्व को लेकर चल रहे विवाद के बीच अजित पवार ने मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय में शरद पवार की तस्वीर लगाई है। इस पर अभी तक शरद पवार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि इस पर अलग-अलग तरह की चर्चा जरूर होने लगी है। दबी जुबान में कुछ लोग कह रहे हैं कि धीरे-धीरे राकांपा में चल रहा स्वामित्व का विवाद अपने आप सुलझ जाएगा और शरद पवार एवं अजीत पवार फिर से एक हो जाएंगे। जबकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह सब शरद पवार के ही इशारे पर हो रहा है। समय आने पर सब साफ हो जाएगा।
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