विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल श्रावण मास के दूसरे सोमवार यानी 17 जुलाई को उज्जैन नगर भ्रमण करेंगे। इस बार सोमवार को अमावस्या पर्व भी है। इस वजह से सोमवती अमावस्या स्नान के लिए शिप्रा तट पर करीब तीन लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
महाकाल मंदिर में सोमवार शाम चार बजे कोटितीर्थ के पास सबसे पहले बाबा महाकाल की पूजा की जाएगी। इसके बाद बाबा रजत पालकी में बैठेंगे। मंदिर के प्रवेश द्वार पर बाबा की पालकी पहुंचेगी। यहां सशस्त्र पुलिस बल बाबा को गार्ड ऑफ ऑनर देंगे। इसके बाद पुलिस बैंड की धुन पर बाबा महाकाल नगर भ्रमण करेंगे।
बाबा महाकाल की निकलेंगी 10 सवारियां
इस वर्ष श्रावण-भादौ मास की बाबा महाकाल की 10 सवारियां निकलेंगी। कल (सोमवार) बाबा महाकाल की दूसरी सवारी रहेगी। बाबा महाकाल भक्तों को चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में दर्शन देंगे। पालकी के पीछे हाथी पर मन-महेश विराजीत रहेंगे। नगर भ्रमण के दौरान बाबा की पालकी रामघाट पहुंचेगी। यहां मां शिप्रा के जल से बाबा का जलाभिषक होगा। परंपरानुसार पालकी सायं सात बजे से पूर्व महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
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स्कंद पुराण के अवंति खंड में सोमवती अमावस्या पर शिप्रा तीर्थ स्नान का महात्म्य है। इसीलिए लाखों श्रद्धालु तीर्थ स्नान करने उज्जैन पहुंचते हैं। शिप्रा तट के समीप ही सोमतीर्थ कुंड भी है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए फव्वारा स्नान की व्यवस्था की है।
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