राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अशोक होटल में 18 जुलाई को हुई एनडीए की बैठक में 2024 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ने का प्रस्ताव पारित किया गया। शिवसेना के अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बैठक में एनडीए का यह प्रस्ताव रखा। एआईएडीएमके के के पलानीसामी और असम गण परिषद के अतुल बोरा ने प्रस्ताव का समर्थन किया। बैठक में एनडीए के 39 घटक दलों ने संकल्प लिया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गठबंधन लोकसभा चुनाव लड़ेगा और लगातार तीसरी बार भारी बहुमत से मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।
एनडीए की 39 पार्टियों ने लिया हिस्सा
भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक में 39 घटक दलों ने भाग लिया। यह बैठक एनडीए की स्थापना के 25 सफल वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित की गई। एनडीए की बैठक में पारित प्रस्ताव में एनडीए सरकार के नौ वर्ष के सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण की योजनाओं का समर्थन करते हुए एक भारत, एकजुट भारत का संकल्प लिया।
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राष्ट्रप्रेम की भावना और जनकल्याण के उद्देश्य से सेवा करने का संकल्प
प्रस्तावना में कहा गया कि एनडीए की सरकार जब भी सत्ता में आई है, उसने राष्ट्रप्रेम की भावना और जनकल्याण के उद्देश्य को सर्वोपरि मानकर काम किया। साल 1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार हो या 2014 से अब तक नरेंद्र मोदी जी की सरकार हो, एनडीए सरकार ने सदैव की क्षेत्रीय आकांक्षाओं को सम्मान देते हुए राष्ट्र-निर्माण की भावना के साथ काम किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती, सुशासन की स्थापना, आधारभूत संरचना का निर्माण , गरीबों- पिछड़ों के जीवनस्तर में सुधार तथा विश्व पटल पर भारत की प्रतिष्ठा जैसे विषय एनडीए की प्राथमिकता रहे हैं। इस बैठक में एनडीए के सभी घटक दलों ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2024 के लोकसभा चुनाव में विजय के अटूट विश्वास का संकल्प लिया।