महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खालापुर तहसील स्थित इरशालगढ़ नामक गांव में भारी बारिश से 19 जुलाई की देर रात भारी भूस्खलन से तकरीबन 17 घर मलबे में दब गए। मलबे में 100 लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। घटना में अब तक 5 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में 4 ग्रामीण और एक बचाव टीम का कार्यकर्ता शामिल है। राहत की बात है कि गुरुवार सुबह तक 65 लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इरशालवाड़ी पहुंचकर हादसे की जानकारी ली है। उन्होंने पीड़ितों को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह गांव काफी दूर दराज में स्थित है। यहां तक आने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अब तक इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना मे पांच लोगों की मौत हो चुकी है। 75 लोगों को बचाया गया है। यह छोटा सा गांव है, जहां 45-47 घर हैं। इनमें से 16-17 घर मलबे में दब गए हैं। एनडीआरएफ के साथ ही स्थानीय प्रशासन भी लोगों को बचाने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि बारिश के कारण बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर इस्तेमाल करने के बारे में विचार किया जा रहा है।
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राहत और बचाव कार्य जारी
फिलहाल घटनास्थल पर 20 जुलाई की सुबह नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम पहुंची है। मौके पर जाने के रास्ते और मौके पर कीचड़ होने से राहत और बचाव कार्य में अड़चन आ रही है, लेकिन राहत और बचाव कार्य जारी है।
163 मिमि बारिश दर्ज
जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले में 19 जुलाई को 163 मिमि बारिश दर्ज की गई थी। भारी बारिश की वजह से रात में साढ़े 11 बजे- 12 बजे के बीच इरशालगढ़ गांव में पहाड़ी का हिस्सा धसक कर गांव के घरों पर गिर गया। उस समय पूरा गांव गहरी नींद में सो रहा था। लेकिन कुछ बच्चे गांव से कुछ दूर पर मोबाइल पर खेल रहे थे। इन बच्चों ने घटना की जानकारी प्रशासन तक पहुंचाई। यह गांव मोरबे जलाशय से 6 किमी दूर है। बताया जा रहा है कि गांव में आदिवासी लोग रहते हैं। गांव के बहुत से लोग काम की वजह से अन्य स्थानों पर गए हैं। घटना के बाद गांव में शोक फैल गया है।