लव जिहाद और लैंड जिहाद के बाद अब मंदिर जिहाद, आरोपी गिरफ्तार

मंदिर में गुल्लू सुबह उठकर सफाई करता था और भक्तों से बातचीत भी करता था। गुल्लू का ध्यान कभी पूजा में नहीं दिखाई दिया। उसने मंदिर में कभी हवन नहीं किया। जब भी लोग उससे हवन आदि करने को कहते तो वह इधर-उधर की बातें करके टाल देता था। इससे भी ग्रामीणों को उस पर शक हुआ।

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एक धर्म विशेष के लोगों द्वारा आये दिन लव जिहाद और लैंड जिहाद के मामले तो आ ही रहे थे। लेकिन इससे आगे बढ़कर उत्तर प्रदेश में अब एक मंदिर जिहाद का मामला प्रकाश में आया है। मेरठ जिले के दौराला थाना क्षेत्र के मटौर गांव स्थित ओम शिव शनि मंदिर में पिछले सात महीने से साधु बनकर रहने वाले गुल्लू खान की असलियत अब सामने आ गई है। पुलिस गुल्लू खान को गिरफ्तार कर गहन पूछताछ में जुटी है। इससे पहले बिहार में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।

स्थानीय पुलिस के मुताबिक 20 वर्षीय गुल्लू खान ओम शिव शनि मंदिर में सात महीने से साधु बनकर रह रहा था। वह मूल रूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। गुल्लू खान ने मटौर में आकर नाथ संप्रदाय के साधु गुर्जर नाथ महाराज के रूप में अपना परिचय कराया था। उसकी वेशभूषा देखकर मंदिर समिति ने उसे पुजारी बनाकर रख लिया। उसने भगवान गणेश की आरती याद की हुई थी। उसने मंदिर समिति और हिन्दू संगठनों के लोगों को झांसे में रखकर मंदिर में जगह पा ली। सीओ दौराला अभिषेक पटेल के अनुसार पूरे मामले की पड़ताल के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है। मामले की गहन जांच की जाएगी।

मटौर गांव निवासी अजय चौहान बताते हैं कि मंदिर में गुल्लू सुबह उठकर सफाई करता था और भक्तों से बातचीत भी करता था। गुल्लू का ध्यान कभी पूजा में नहीं दिखाई दिया। उसने मंदिर में कभी हवन नहीं किया। जब भी लोग उससे हवन आदि करने को कहते तो वह इधर-उधर की बातें करके टाल देता था। इससे भी ग्रामीणों को उस पर शक हुआ। मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज चौहान बताते हैं कि शक होने पर उससे पूछा कि कुंभ में सबसे पहला स्नान किसका होता है। इसका जवाब भी वह ठीक नहीं दे पाया था।

ऐसे हुआ खुलासा
गुल्लू खान के कारनामे का खुलासा मुजफ्फरनगर निवासी कपिल राज ने किया। वह कपिल गुल्लू को जानता था। एनएच-58 हाइवे से गुजरते समय कपिल ने मंदिर में गुल्लू खान को भगवा कपड़ों में देखा तो चौंक गया। कपिल ने यह जानकारी मटौर के लोगों को दी। इससे आश्चर्य में आए लोगों ने गुल्लू खान से धार्मिक प्रश्न किए तो वह जवाब नहीं दे पाया। शारीरिक जांच में गुल्लू का खतना किया हुआ पाया गया तो उसकी पोल खुल गई। इसका खुलासा होने पर ग्रामीणों ने पुलिस को जानकारी दी।

पुलिस पूछताछ में गुल्लू ने बताया कि मंदिर में लोग उसके पैर छूकर दक्षिणा देते थे। मंदिर में फल और मेवे खाने को मिल रहा था। इससे वह खुश था और मंदिरों में साधु बनकर रहने लगा। खुलासा होने के बाद पुलिस ने उस पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का मुकदमा दर्ज किया। पुलिस उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगलाने में जुटी है। गुल्लू खान द्वारा खुद को नाथ संप्रदाय का दीक्षित साधु बताया था। पुलिस को गुल्लू के पास से मिले आधार और पैन कार्ड से उसके मुस्लिम होने का पता चला। अब पुलिस मुजफ्फरनगर एवं पानीपत जाकर गुल्लू की पड़ताल करेगी।

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के जिलाध्यक्ष अमन सिंह, अखिल भारत हिन्दू महासभा के पदाधिकारी पुरुषोत्तम ने मंदिर में गुल्लू खान से पूछताछ की थी। उसके मुस्लिम होने की पुष्टि होते ही कार्यकर्ताओं ने वहां पर जमकर हंगामा किया था। अब हिन्दू संगठनों ने मंदिरों में रहने वाले पुजारियों की पूरी पहचान कराने की ठानी है। इसके लिए पुलिस से भी सत्यापन कराने की तैयारी की जा रही है। हिन्दूवादी नेता शीलेंद्र चौहान ने इस पूरे प्रकरण का मंदिर जिहाद का एक रूप बताया है।

मंदिर जिहाद
हिन्दू नेताओं के मुताबिक हिन्दू लड़कियों और महिलाओं को मुस्लिम युवकों द्वारा नाम बदलकर अपने जाल में फंसाने के लव जिहाद के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही हिन्दुओं को भयभीत करके उनके मकान और जमीन खरीदने का लैंड जिहाद भी चलाया जा रहा है। इससे भी कहीं आगे बढ़कर अब मुस्लिम वर्ग के लोग साधु बनकर मंदिरों में भी प्रवेश कर गए हैं। यह मंदिर जिहाद है।

इससे पहले बिहार में मुस्लिमों द्वारा साधु बनकर मंदिर में रहने के कई मामले सामने आ चुके हैं। लगभग छह माह पहले बिहार के नवादा जिले के अकबरपुर थाना क्षेत्र के चातर गांव में साधुओं के भेष में घूम रहे छह मुस्लिम पकड़े गए थे। उनकी असलियत जानने के बाद गांव वालों ने उनकी जमकर पिटाई की थी। ये लोग साधु के भेष में घूम-घूमकर लोगों के घर भीख मांग रहे थे। लोगों ने सभी को पुलिस के हवाले कर दिया था। ये सभी लोग उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले थे। साधु बनकर भीख मांगने को उन्होंने अपना पुश्तैनी धंधा बताया था। पिछले वर्ष हाजीपुर जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया था।

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