रसोई में टमाटर न हो तो सब्जी और तड़के वाली दाल में टेस्ट नहीं आता। अधिकांश सब्जियों में टमाटर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही दाल में तड़का लगाने के लिए प्याज के बाद टमाटर की भी जरुरत होती है। लेकिन पिछले दो महीने से टमाटर का भाव आसमान पर चढ़ गया है। इन दिनों पूरे देश के बाजारों में टमाटर का दाम आसमान पर है। इस कारण किलो के भाव से बिकने वाला टमाटर अब पाव के हिसाब से बिकने लगा है।
8-10 गुना बढ़ जाने के कारण सब्जी बिक्रेता ग्राहकों को पाव के हिसाब से टमाटर का दाम बताते हैं। किलो के हिसाब से टमाटर का भाव बताने पर ग्राहकों के चेहरे पर अजीब तरह के भाव आते हैं। वे या तो आगे निकल जाते हैं या फिर एक पाव टमाटर का भाव पूछते हैं। कोई-कोई ग्राहक ही एक किलो टमाटर खरीदते हैं। अधिकांश लोग एक पाव या आधा किलो टमाटर ही खरीदते हैं।
जून 2023 में टमाटर का भाव अचानक आसमान पर पहुंच गया। जून से पहले टमाटर 20-25 रुपए प्रति किलो बिक रहा था। लेकिन इस महीने शुरुआत से ही टमाटर का भाव बढ़ने लगा और फिर तो बढ़ता ही चला गया। वर्तमान में टमाटर का भाव 180-200 रुपए किलो तर पहुंच गया है।
300 रुपए तक जा सकता है दाम
सबसे बुरी बात यह है कि टमाटर का भाव जल्द घटने की संभावना भी नहीं है। जानकारों का मानना है कि टमाटर का भाव तीन सौ रुपए किलो तक जा सकता है। इसके साथ ही वर्तमान में जो स्थिति है, उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि अगले दो महीने टमाटर के भाव नीचे आने की संभावना नहीं है। इसका कारण यह है कि भारी बारिश के कारण टमाटर की फसल बर्बाद हो गई है और नई फसल के आवक बाजार में आने में अभी कम से कम दो महीने और लग जाएंगे। इस बीच टमाटर का भाव और बढ़ जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं है।
इससे पहले भी टमाटर के दाम बीच-बीच में अचानक बढ़ते रहे हैं। आइए, जानते हैं कब-कब बढ़े टमाटर के दाम
2019 अक्टूबरः रसोई में स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोगी टमाटर का भाव अक्टूबर 2019 में काफी बढ़ गया था। 9 अक्टूबर और इसके आसपास के दिनों में इसका दाम 26 प्रतिशत बढ़ गया था। इस अवधि में इसकी औसत कीमत 2641 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 3,347 रुपए प्रति क्विंटल हो गया था। तब मंत्रालय ने टमाटर का भाव 54 रुपए बताया था, लेकिन वास्तव में यह बाजार में 60-65 रुपए प्रति किलो बिक रहा था। हालांकि देश के अलग-अलग प्रदेशों में इसके दाम में थोड़ा-बहुत फर्क था, लेकिन कुल मिलाकर इसका भाव 60 रुपए किलो के आसपास था।
कारणः दरअस्ल बेमौसम बारिश के कारण तब टमाटर की फसल खराब हो गई थी। इस कारण बाजार में इसका आवक कम हो गया था। वैसे तो टमाटर का दाम जुलाई से ही बढ़ना शुरू हो गया था, लेकिन अक्टूबर में इसका दाम पिक पर पहुंच गया था।
2020 नवंबरः नवंबर 2020 में टमाटर काफी महंगा हो गया था। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस महीने में टमाटर का दाम 70-80 रुपए हो गया था। इसका कारण मौसम का टमाटर के अनुकूल नहीं होना था। बेमौसम बारिश ने जहां टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचाया था, वहीं एक अन्य कारण इसका अधिक मात्रा में भंडारण न हो सकना भी रहा है। दरअस्ल प्याज और आलू की तरह टमाटर का भंडारण संभव नहीं हो सकता। इस कारण इसका बाजार में डिमांड और सप्लाई का अनुपात बिगड़ते देर नहीं लगती। यही कारण है कि टमाटर का दाम चंद दिनों में ही आसमान पर पहुंच जाता है। 2020 की ही बात करें तो कुछ महीने पहले तक बाजार में टमाटर 20 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा था और उचित दाम नहीं मिलने के कारण किसान काफी नाराज थे।
2021 नवंबरः चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई सहित देश के कई शहरों मे टमाटर का दाम नवंबर 2021 में 100 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया था। नवंबर के शुरू में टमाटर जहां 50 रुपए के आसपास बिक रहा था, वहीं महीना खत्म होते-होते इसका भाव 100 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया। 25 नवंबर के आस पास दक्षिण के राज्यों में इसका दाम 130 से 160 रुपए तक पहुंच गया था, जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र के साथ ही अन्य प्रदेश के बाजार में इसकी कीमत 90 से 120 रुपए प्रति किलो थी। मुंबई में यह तब 100 रुपए प्रति किलो बिक रहा था। बारिश से टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचने के साथ ही डीजल की कीमतों में वृद्धि, शादी के मौसम में बढ़ती मांग और जमाखोरी दाम बढ़ने के प्रमुख कारण थे।
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2022 मईः वर्ष 2022 में अप्रैल महीने में जिस टमाटर को ग्राहक भाव नहीं दे रहे थे, वही मई महीने में उनके होश उड़ा दिए थे। दरअस्ल 2021 में कोरोना के समय टमाटर की खपत नहीं होने के कारण काफी किसानों ने इसकी फसल ही नहीं लगाई। इसके साथ ही अधिक बारिश के कारण टमाटर की फसलों को नुकसान होने के कारण भी मई 2022 में टमाटर के दाम सुनकर लोगों के चेहरे का रंग उड़ जाता था। प्राप्त आंकड़ो के अनुसार मई और जून में इसका दाम प्रति किलो 100 रुपए के आसपास पहुंच गया था। हालांकि जून खत्म होते-होते टमाटर का दाम सामान्य होने लगा था।
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