महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी द्वारा महाविकास आघाड़ी सरकार से पत्र लिखकर यह पूछे जाने के बाद कि राज्य के विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव कब तक कराया जाएगा, उद्धव सरकार एक्टिव मोड में आ गई है। बताया जा रहा है कि इसके लिए उसने मास्टर प्लान तैयार किया है।
नाना पटोले के विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद 1 मार्च से शुरू होने जा रहे बजट सत्र को लेकर अड़चन खड़ी हो गई है। बता दें कि इस सत्र को लेकर विपक्षी पार्टी काफी आक्रामक दिख रही है। इसके लिए महविकास आघाड़ी सरकार ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने इस मास्टर प्लान को तैयार किया है।
ये है मास्टर प्लान
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए गुप्त मतदान कराया जाता है। इस दौरान कोई गड़बड़ी न हो, इसलिए उद्धव सरकार ने कोरोना का बहाना बनाकर गुप्त मतदान नहीं कराने का निर्णय लिया है। मिली जानकारी के अनुसार इस मास्टर प्लान के तहत बजट सत्र के पहले दिन ध्वनिमत से विधानसभा अध्यक्ष चुनने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि बजट सत्र, उपाध्यक्ष नरहरी झिरवल की देखरेख में पूरा किया जा सकता है और उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है।
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ये है महाराष्ट्र का इतिहास
एक सेवामुक्त अधिकारी ने इस बारे में बताया कि अगर अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाता है तो सरकार को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। विपक्ष को अगर सरकार गिराना है तो उसे पहले अविश्वास प्रस्ताव पेश करना होता है। महाराष्ट्र के इतिहास पर नजर डालें तो कई बार अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए हैं।
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इनके नामों पर चर्चा
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले को हाल ही में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। इस वजह से उन्होंने इस पद से त्याग पत्र दे दिया है। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष कौन बनेगा, इस बारे में चर्चा गरम है। इस बीच इस पद के लिए कांग्रेस के अमीन पटेल, संग्राम थोपटे, यशोमति ठाकुर, वर्षा गायकवाड के नामों पर चर्चा जारी है।