भगवान महाकाल के दर्शन को आधी रात से ही उमड़े श्रद्धालु, शाम को तीन स्वरूपों में करेंगे नगर भ्रमण

तड़के 2:30 बजे महाकाल मंदिर के पट खुलने के बाद भगवान के दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ, जो अनवरत जारी है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगी हुई है। वहीं, शाम चार बजे श्रावण मास की तीसरी सवारी निकाली जाएगी, जिसमें भगवान महाकाल तीन स्वरूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।

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विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में श्रावण के तीसरे सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी उमड़ रही है। भगवान महाकाल के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए रात 12 बजे से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। तड़के 2:30 बजे महाकाल मंदिर के पट खुलने के बाद भगवान के दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ, जो अनवरत जारी है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगी हुई है। वहीं, शाम चार बजे श्रावण मास की तीसरी सवारी निकाली जाएगी, जिसमें भगवान महाकाल तीन स्वरूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। सवारी के दौरान बाबा महाकाल नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे।

परम्परा के मुताबिक, श्रावण के तीसरे सोमवार को तड़के 2.30 बजे मंदिर के पट खुले और इसके बाद भगवान की भस्मारती हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। पंचामृत, अभिषेक पूजन कर भांग, चंदन से राजा स्वरूप का दिव्य श्रृंगार किया गया। इसके बाद आरती की गई। भस्म आरती में बड़ी संख्या में बिना अनुमति वाले भक्तों ने चलित भस्म आरती व्यवस्था से दर्शन किए। बड़ी संख्या में उज्जैन पहुंच रहे भक्तों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दर्शन के बाद शाम को निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी में शामिल होंगे।

महाकालेश्वर मंदिर के पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि भोग आरती के बाद भगवान ओंकारेश्वर का महाश्रृंगार होगा। भगवान को दूल्हे की तरह सजाया जाएगा। फूल और भांग-मेवे से श्रृंगार होगा। इस मौके पर भगवान को करीब 501 किलो लड्डू और पेड़े के मिष्ठान का भोग लगाया जाएगा। मंदिर से भगवान ओंकारेश्वर पालकी में विराजमान होकर कोटितीर्थ घाट पहुंचेंगे। उधर, भगवान ममलेश्वर का भी गोमुख घाट पर पूजन-अभिषेक होगा। इसके बाद भगवान ओंकारेश्वर नौका विहार कर गोमुख घाट पहुंचेंगे। सावन के तीसरे सोमवार को दो लाख से ज्यादा भक्तों के उज्जैन पहुंचने की उम्मीद है।

शिव तांडव रूप का भक्त करेंगे अभिवादन
उन्होंने बताया कि पिछले दो सोमवार की सवारियों में भगवान महाकाल मन महेश चंद्रमौलेश्वर के रूप में प्रजा को दर्शन दे चुके हैं। आज सावन के तीसरे सोमवार को भगवान महाकाल तीन स्वरूपों में मन महेश, चंद्रमौलेश्वर और शिव तांडव के रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। उन्होंने बताया कि जब भगवान प्रसन्न मुद्रा में शिव तांडव करते हैं तो भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। सावन मास के तीसरे सोमवार भगवान महाकाल शिव तांडव रूप में नगर भ्रमण पर निकलेंगे। उज्जैन: भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु, आधी रात से लगी लम्बी कतारें

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