हिमाचल प्रदेश में भूस्खलनः 466 सड़कें बंद, 552 बिजली ट्रांसफार्मर खराब

मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में आगामी दो दिन में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मैदानी एवं मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

209

हिमाचल प्रदेश में मानसून की सक्रियता से बारिश का दौर जारी है। इससे राज्य के विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। व्यापक वर्षा और भूस्खलन का सामान्य जनजीवन पर खास असर पड़ा है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक 28 जुलाई की सुबह तक राज्य भर में भूस्खलन से तीन नेशनल हाईवे और 466 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 552 बिजली ट्रांसफार्मर और 204 जलापूर्ति योजनाएं भी ठप हैं।

इन क्षेत्रों में सड़कें बंद
रिपोर्ट में कहा गया है कि शिमला जिला में सबसे ज्यादा 220 सड़कें अवरूद्व हैं। इसी तरह कुल्लू जिला में 115, मंडी जिला में 48, सिरमौर में 45, चंबा में 15, किन्नौेर में 13, कांगड़ा में छह, सिरमौर में तीन और उना में एक सड़क बंद है। किन्नौर, लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिला में एक-एक नेशनल हाइवे भी अवरूद्व पड़ा है। भारी बारिश से शिमला जिला में 223 ट्रांसफार्मर भी बंद पड़े हैं। कुल्लू में 155, मंडी में 137, किन्नौर में 28, चंबा में छह और सिरमौर में तीन ट्रांसफार्मर खराब हैं। शिमला जिला में पानी की 105 स्कीमें भी प्रभावित हुई हैं। मंडी में 75, सिरमौर में 10, चंबा में नौ, सोलन में चार और किन्नौर में एक स्कीम ठप है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान
हि लोगों व सैलानियों से अपील की गई है कि वे नदी-नालों के किनारों पर न जाएं। साथ ही भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें। वीरवार शाम 5 बजे से शुक्रवार सुबह 8ः30 बजे तक धर्मशाला में सबसे ज्यादा 76 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। मंडी में 63, सुंदरनगर में 41, कांगड़ा में 35, नारकंडा में 30 और धौलाकूआं में 17 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है। राज्य में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी और अब तक मानसून सीजन में वर्षा से जुड़े हादसों में 183 लोगों की जान गई है और 33 लापता हैं। भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में आने से 54 लोग मारे गए हैं।

कोल्हापुरः बाढ़ में पेड़ पर फंस गया एक व्यक्ति, फिर क्या हुआ? जानने के लिए पढ़ें ये खबर

मकान-दुकान के साथ ही तबेले भी ध्वस्त
मानसून सीजन में 687 मकान, 240 दुकानें और 2120 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हूईं। जबकि 7029 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। बीते एक महीने में राज्य के 68 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 51 स्थानों पर बाढ़ आया। मानसून सीजन में प्रदेश के सरकारी विभागों को 5499 करोड़ का नुकसान आंका गया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.