मंदिर तोड़ने वाले सुल्तान नहीं, चोर-डकैत थे- डॉ. कादरी, गंगा पूजन कर मांगी बलूचिस्तान की आजादी

गंगा पूजन के बाद नायला कादरी ने कहा कि सनातन धर्म के मंदिर और उपासना स्थल सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेम और सम्मान के प्रतीक हैं। पता नहीं वो कौन सा पागलपन है जो कुछ लोगों को ऐसे मन्दिर और उपासना स्थल को तोड़ने की इजाजत देता है।

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बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी शुक्रवार को उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंची। यहां उन्होंने चौधरी चरण सिंह वीआईपी घाट पर मां गंगा का विशेष पूजन हवन और दुग्धाभिषेक कर बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की प्रार्थना की।

गंगा पूजन के बाद नायला कादरी ने कहा कि सनातन धर्म के मंदिर और उपासना स्थल सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेम और सम्मान के प्रतीक हैं। पता नहीं वो कौन सा पागलपन है जो कुछ लोगों को ऐसे मन्दिर और उपासना स्थल को तोड़ने की इजाजत देता है। मन्दिरों को तोड़ने वाले कोई राजा, महाराजा या सुल्तान नहीं थे बल्कि चोर-डाकू थे। उन्होंने कहा कि ऐसे चोर-डाकुओं की औलादों को अपने पुरखों के कारनामों पर शर्मिंदा होना चाहिए और इसके लिए हिन्दुओं से माफी मांगनी चाहिये।

उन्होंने कहा कि जो बलोचों के साथ हो रहा है उससे सारे विश्व को सबक लेना चाहिये। उन्होंने कहा कि वो यहां कुछ मांगने नहीं, बल्कि यहां के हिन्दुओं के लिए हिंगलाज माता का आशीर्वाद लेकर आई हैं। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि हम हर तरह से बलोच भाइयों के साथ हैं और उनका समर्थन करते हैं।  हरिद्वार पहुंची डॉ नायला कादरी का महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी, हिन्दू महासभा की नेता राजश्री चौधरी, श्री अखण्ड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक, महामंडलेश्वर स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती, सुप्रसिद्ध कथावाचक पवनकृष्ण शास्त्री ने स्वागत किया।

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