बारिश एकबारगी थम गई है। पानी का लेवल उतरने लगा है लेकिन उतरते हुए पानी में से अब बर्बादी के निशान उभरते जा रहे हैं। मलसल, बीती रात चार घंटों से ज्यादा चली बारिश में छत्तरगढ़ के खरबरा गांव में जबर्दस्त नुकसान हुआ है। यहां लगभग 40 कच्चे मकान ढह गए हैं। तहसीलदार दीप्ति मौके पर हैं। पूरे नुकसान का सर्वे हो रहा है। प्रभावितों को सुरक्षित जगह भेज रहे है।
दूसरी ओर बज्जू-कोलायत इलाके में बहती बरसाती नदियां अब धीमी पड़ चुकी है लेकिन जहां से गुजरी वहां बर्बादी के निशान छोड़ गई। सैकड़ों बीघा खेतों में फसल बर्बाद हो गई। कच्चे-पक्के मकान ढह गए। सबसे बड़ी जनहानि बज्जू में हुई जहां 19 वर्षीय युवक संदीप खिलेरी की बहते पानी में गिर जाने से मौत हो गई। उसकी बहिन ने भी सदमे में जान दे दी। इस सबके साथ ही बीते 24 घंटे से पूरे इलाके की बिजली बंद पड़ी है। खंबे गिर चुके हैं। तार टूटे हुए हैं। बारिश फिर आ सकती है।
ऐसे में अब इतनी ही बारिश आई तो कितनी बर्बादी लाएगी यह डर लोगों के चेहरों पर साफ दिख रहा है। इन सबके बीच कोलायत के विधायक और मंत्री भंवरसिंह भाटी लगातार तीन दिन से इलाके में घूम रहे हैं। सभी विभागों के अधिकारी साथ है। हालात कैसे सुधारे जाएं? प्रभावितों को राहत कैसे दी जाए? अगली बारिश आए तो फिर नुकसान ना हो? इन सब विषयों पर लगातार बात करते हुए एक-एक गांव में जा रहे हैं। इंतजाम कर रहे हैं। नोखा के पांचू, रोड़ा, भादला आदि गांवों में बारिश थमने के बाद भी अब तक पानी ठहरा हुआ है। विधायक यहां लगातार प्रशासन के संपर्क में रहते हुए हालात सुधारने और लोगों की परेशानी दूर करने के प्रयास में जुटे हैं।
बिजली का भारी संकट
चारों और मुसीबत से घिरे ग्रामीणों के लिए बिजली आग में घी का काम कर रही है। कोलायत, बज्जू, छत्तरगढ़ के गांव बीते 24 घंटों से अंधेरे में ही डूबे है। हलांकि कोलायत के कई गांवों में कल रात से बिजली आपूर्ति सुचारू की गई है। लेकिन ग्रांधी, हीराई की ढाणी, राणेरी, बीठनोक सहित कई गांव ऐसे है जिनमें अभी भी बिजली आपूर्ति बाधित है। बज्जू के लगभग सभी गांवों में कल से ही बिजली बंद है। अधिक मात्रा में पानी भर जाने के कारण बिजली की लाइनों, खंभों और ट्रांसफार्मरों को दुरुस्त करने में परेशानी उठानी पड़ रही है। विद्युत निगम का दावा है कि नोखा कस्बे के ग्रामीण क्षेत्रों में कल रात से बिजली आपूर्ति सुचारु कर दी गई है। बारिश के बाद गांवों में हालात बिगड़ गए है। कई गांवों में बिजली की पोल मिट्टी में दब गए हैं। उनको दुरुस्त करने में पसीना बहना पड़ रहा है। जिलेे में आधा दर्जन से ज्यादा सब स्टेशन पानी में घिरे हैं। कई गांवों मे विद्युत लाइनें गिर गई है।
बारिश के बाद विद्युत निगम को भारी नुकसान होने की आशंका है। इसमें दर्जनों खंभे, लाइनें, ट्रांसफार्मर गिर गए हैं। हलांकि विद्युत निगम नुकसान का सर्वे करवा रहा है। कुछ गांवों में बिजली आपूर्ति सुचारू करने के प्रयास चल रहे है। लेकिन पानी बाधा पैदा कर रहा है। विद्युत कार्मिको को मशक्कत करनी पड़ी रही है। विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता राजेन्द्र मीणा ने बताया कि जहां ज्यादा जलभराव है, वहां पर बिजली आपूर्ति रोकी हुई है। ताकि कोई करंट की आशंका नहीं रही।
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