शिवसेना त्रस्त, राकांपा मस्त !उद्धव को विधायकों ने बताया दर्द

शिवसेना के विधायकों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्रियों के मनमाने रवैये के खिलाफ खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। सीएम ठाकरे के दरबार में शामिल हुए कई विधायकों ने सरकार के मंत्रियों की शिकायत करते हुए कहा है कि फंड नहीं मिलने के कारण वे अपने चुनाव क्षेत्र में विकास का कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। इस हाल में वे लोगों के सामने कौन-सा मुंह लेकर जाएं। एक विधायक ने हिंदुस्थान पोस्ट से नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि पार्टी के इन उम्मीदवारों की नाराजगी भविष्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भारी पड़ सकती है।

175

रिपोर्टः सुशांत सावंत
मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना,कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार बने 10 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक इस तीन पहियों वाली सरकार की गाड़ी रफ्तार पकड़ती नहीं नजर आ रही है। इन तीनों पार्टियों में तालमेल का अभाव स्पष्ट रुप से दिख रहा है। मंत्री पद और फिर विभागों के बंटवारे को लेकर इनके बीच नाराजगी का जो नाटक शुरू हुआ था, वो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कौन किस बात पर, कब, किससे नाराज हो जाए, इस बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल है।
अब खबर है कि शिवसेना के विधायकों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्रियों के मनमाने रवैये के खिलाफ खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। सीएम ठाकरे के दरबार में शामिल हुए कई विधायकों ने सरकार के मंत्रियों की शिकायत करते हुए कहा है कि फंड नहीं मिलने के कारण वे अपने चुनाव क्षेत्र में विकास का कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। इस हाल में वे लोगों के सामने कौन-सा मुंह लेकर जाएं। एक विधायक ने हिंदुस्थान पोस्ट से नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि पार्टी के इन उम्मीदवारों की नाराजगी भविष्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भारी पड़ सकती  है।
राष्ट्रवादी शिवसेना पर भारी
शिवसेना के एक विधायक ने हिंदुस्थान पोस्ट से बात करते हुए बताया कि सीएम तो उद्धव ठाकरे हैं,लेकिन मंत्रालय में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दबदबा है। हमें फंड नहीं मिल रहा है, जबकि रांकांपा के विधायकों को उनके चुनाव क्षेत्र में काम करने के लिए फंड उपलब्ध कराया जा रहा है। पार्टी के नाराज विधायकों का कहना है कि जिस जिले में पालकमंत्री राकांपा के हैं, वहां शिवसेना के विधायकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
शिवसेना के पूर्व मंत्री भी नाराज
शिवसेना के पूर्व मंत्री ने पार्टी के विधायकों की नाराजगी को जायज ठहराया है। उनका कहना है कि जो विधायक अपने चुनाव क्षेत्र में जनता का काम नहीं कर पाएगा, वो अगले चुनाव में उनके बीच किस मुंह से वोट मांगने जाएगा। पूर्व मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उद्धव ठाकरे को इस बारे में विचार कर जल्द से जल्द इसका हल निकालना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के राज्य मंत्रियों का हाल तो विधायकों से भी बदतर है।
कैबिनेट और राज्यमंत्रियों में तालमेल का अभाव
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महाविकास आघाड़ी सरकार के कैबिनेट मंत्रियों और राज्यमंत्रियों में तालमेल नहीं है। उनके बीच लगातार खींचतान चलने से काम करना मुश्किल हो गया है और राज्य में विकास का काम सुस्त पड़ गया है। शिवसेना के कई राज्य मंत्रियों द्वारा इस बात की शिकायत उद्धव ठाकरे से किए जाने की जानकारी मिली है।बताया जा रहा है कि राज्यमंत्रियों के पास कोई अधिकार नहीं है और वे सिर्फ नाम के लिए ही मंत्री हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.