उद्धव गुट को सुप्रीम कोर्ट से झटका, पार्टी के नाम और चिह्न की याचिका पर नहीं होगी त्वरित सुनवाई

एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 40 विधायकों लेकर एक अलग ग्रुप बना लिया था और भाजपा के साथ गठबंधन कर राज्य के मुख्यमंत्री बन गये। इस तरह एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को ना केवल सत्ता से पदच्यूत किया, बल्कि शिवसेना का नाम और चिह्म भी चुनाव आयोग से अपने गुट के पास ले लिया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की तरफ से एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को पार्टी का नाम और चिह्न दिए जाने के फैसले खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से से इंकार कर दिया है।

यह याचिका फरवरी महीने में दायर की गई थी। ठाकरे गुट ने शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आने तक चुनाव आयोग द्वारा दिए गए फैसले को निलंबित करने की मांग की थी। इस बीच, शिवसेना के ठाकरे समूह ने याचिका दायर कर मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग के फैसले पर तुरंत सुनवाई करे। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया है।

गौरतलब हो कि एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 40 विधायकों लेकर एक अलग ग्रुप बना लिया था और भाजपा के साथ गठबंधन कर राज्य के मुख्यमंत्री बन गये। इस तरह एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को ना केवल सत्ता से पदच्यूत किया, बल्कि शिवसेना का नाम और चिह्म भी चुनाव आयोग से अपने गुट के पास ले लिया था। चुनाव आयोग के इसी फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर इस मामले में त्वरित सुनवाई की मांग की थी।

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