पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग लेक क्षेत्र में डिसइंगेजमेंट के बाद अब भारत और चीन के अन्य विवादास्पद स्थानों पर भी तनाव करने की दिशा में दोनों देशों ने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में 20 फरवरी को दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर के 10वें दौर की वार्ता चीन के मोल्डो में हुई। यह वार्ता 16 घंटे चली। इस वार्ता में दोनों देशों के बीच गोगरा हाइट्स, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग प्लेंस में डिसइंगेजमेंट पर चर्चा हुई।
इस लंबी बातचीत को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बातचीत काफी सकारात्मक रही और जल्द ही इसकी अधिकृत घोषणा की जा सकती है। बताया जा रहा है कि पैंगोंग में जिस तरह से दोनों देशों ने एक दूसरे पर भरोसा जताते हुए अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटाया, उससे भारत-चीन के बीच तनाव करने में काफी मदद मिली है। इससे दोनों ही देश के प्रतिनिधि काफी उत्साहित हैं और जल्द ही अन्य विवादस्पद इलाकों को लेकर भी सुखद संदेश मिल सकते हैं।
बड़े समझौते पर पहुंचने की उम्मीद
भारतीय जानकारों का मानना है कि पैंगोग लेक की तरह गोगरा हाइट्स, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग प्लेंस को लेकर भी दोनों देशों के प्रतिनिधि बड़े समझौते पर पहुंच सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 10वें दौर की बातचीत में मुख्य मु्द्दा अन्य इलाकों में भी सेना की वापसी की प्रक्रिया को पूरा करना रहै। दोनों पक्षों ने इसके लिए 10वें दौर की वार्ता में चर्चा की।
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नौ महीने से जारी सैन्य गतिरोध
बता दें कि दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध के नौ महीने हो चुके हैं। लेकिन अब समझौते पर दोनों देशों ने सकारात्मक रुख अपनाया है और पैंगोंग लेक के उत्तरी और दक्षिणी छोर से अपनी-अपनी सेनाओं को वापस बुला लिया है। इसके साथ ही अश्त्र-शस्त्रों, अन्य उपकरणों और बंकरों तथा अन्य निर्माण को भी दोनों देशों ने हटा लिया है।
रक्षा मंत्री ने की थी घोषणा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को एक बयान में कहा था कि भारत और चीन के बीच चरणबद्ध तरीके से पैंगोंग लेक क्षेत्र से सैनिकों को हटाने का समझौता हुआ है। उन्होंने बताया था कि समझौते के अनुरुप चीन अपनी सेना को हटाकर पैंगोंग लेक के उत्तरी किनारे पर फिंगर-8 क्षेत्र की पूर्व दिशा की ओर ले जाएगा, जबकि भारत अपनी सैन्य टुकड़ियों को फिंगर तीन के पास अपने स्थाई शिविर धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा।
10 फरवरी को शुरू हुई सैन्य वापसी की प्रक्रिया
बता दें कि पैंगोंग लेक क्षेत्र से सैन्य वापसी की प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई थी। 20 फरवरी को दोनों देशों के बीच हुई वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने की। मेनन लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं। चीन का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल लिउ लिन ने की, जो चीनी सेना के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर हैं।