डीआरडीओ को सौंपा गया आकाश-एनजी मिसाइल! जानिये, दुश्मनों के लिए है कितना खतरनाक

डीआरडीओ ने 21 जुलाई को बिना रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर के आकाश-एनजी मिसाइल का सफल परीक्षण किया था, लेकिन 23 जुलाई को ओडिशा के तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से किये गए परीक्षण में स्वदेशी रूप से विकसित आरएफ सीकर लगाया गया था।

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The 'Akash' super sonic cruise missile with a range of 25km, passes through the Rajpath during the 58th Republic Day Parade - 2007, in New Delhi on January 26, 2007.

भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने आकाश एनजी मिसाइल प्रणाली का पहला रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर (आरएफ सीकर) डीआरडीओ को सौंप दिया। इसके साथ ही बीडीएल आरएफ सीकर उत्पादन की क्षमता वाली वैश्विक कंपनियों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर नई पीढ़ी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश एनजी को सफलतापूर्वक किसी भी दुश्मन के विमान पर तब तक लॉक कर सकता है, जब तक वह नष्ट न हो जाए।

इसलिए खास है आकाश-एनजी मिसाइल
डीआरडीओ ने 21 जुलाई को बिना रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर के आकाश-एनजी मिसाइल का सफल परीक्षण किया था, लेकिन 23 जुलाई को ओडिशा के तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से किये गए परीक्षण में स्वदेशी रूप से विकसित आरएफ सीकर लगाया गया था। आरएफ सीकर ने आकाश-एनजी को उच्च गति वाले मानवरहित हवाई लक्ष्य पर सफलतापूर्वक लॉक करने में मदद की और लक्ष्य के नष्ट होने तक लगातार उसका मार्गदर्शन किया। आकाश-एनजी हथियार प्रणाली को उच्च युद्धाभ्यास क्षमता और कम रडार क्रॉस-सेक्शन (आरसीएस) वाले उन्नत लड़ाकू विमानों को रोकने के लिए विकसित किया गया है। इसे पहली बार इस साल गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले 25 जनवरी को लॉन्च किया गया था।

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भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने किया है निर्माण
डीआरडीओ की हैदराबाद में स्थित रिसर्च सेंटर इमारत ने स्वदेशी रूप से आरएफ सीकर विकसित किया है, जिसका निर्माण भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने किया है। इसके साथ ही बीडीएल आरएफ उत्पादन की क्षमता रखने वाली दुनियाभर की कंपनियों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है। पहला आरएफ सीकर रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत को सौंपा गया। इस मौके पर बीडीएल के सीएमडी कमोडोर ए माधवराव (सेवानिवृत्त) भी मौजूद थे।

पुरानी आकाश मिसाइलों का उन्नत संस्करण
डीआरडीओ के मुताबिक आरएफ साधक आकाश-एनजी को लक्ष्य पर लॉक करने में मदद करता है और इस प्रकार दुश्मन के लड़ाकू विमानों के लिए आने वाली मिसाइलों से बचना मुश्किल हो जाता है। रक्षा मंत्रालय ने भी स्वदेशी रूप से विकसित आरएफ सीकर, लॉन्चर, मल्टी-फंक्शन रडार और कमांड, कंट्रोल और मिसाइल से युक्त संपूर्ण हथियार प्रणाली के कामकाज को मान्य किया है। आकाश-एनजी सतह से हवा में मार करने वाली पुरानी आकाश मिसाइलों का उन्नत संस्करण है।

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