केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमन्त्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत तेजी से विश्व के अनुकूल लागत प्रभावी स्वास्थ्य सेवा गंतव्य के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले से ही निवारक स्वास्थ्य देखभाल और एकीकृत स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को जम्मू के सम्मेलन केंद्र (कन्वेंशन सेंटर) में श्री माता वैष्णो देवी नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल द्वारा आयोजित इंडियन एकेडमी ऑफ ओटोराइनोलारिंजोलॉजी हेड एंड नेक सर्जरी (आईएओएचएनएस) के वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि आयुष्मान भारत विश्व की अब तक की सबसे अच्छी स्वास्थ्य बीमा योजना है और इसकी परिकल्पना करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। यह संभवतः विश्व की एकमात्र ऐसी स्वास्थ्य बीमा योजना है जो बीमा सुरक्षा (कवर) मांगने का विकल्प प्रदान करती है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उदाहरण के लिए, अगर आज किसी व्यक्ति को कैंसर होने का पता चलता है, तो वह पहले से विद्यमान रोग के उपचार के उद्देश्य से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए जाकर अपना बीमा करा सकता है, जो कि विकसित देशों में भी अब तक कहीं नहीं देखा गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना लाकर भारत अब स्वास्थ्य सेवा वितरण की क्षेत्रीय और विभाजित सोच से निकलकर व्यापक आवश्यकता- आधारित स्वास्थ्य देखभाल सेवा की ओर बढ़ गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 9 वर्षों ने भारत को एक लागत प्रभावी चिकित्सा गंतव्य में बदल दिया है और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2014 में सरकार बनाने के बाद से लाए गए कई अग्रणी स्वास्थ्य सुधारों और सक्षम प्रावधानों के कारण संभव हुआ है। इससे पहले भारत शायद ही किसी निवारक स्वास्थ्य सेवा के लिए जाना जाता था, लेकिन आज भारत को विश्व के टीकाकरण केंद्र के रूप में पहचाना जाता है, जिसने डीएनए कोविड वैक्सीन, विश्व का पहला इंट्रा- नेज़ल कोविड वैक्सीन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम के लिए “सर्वावैक ( सीईआरवीएवीएसी)” के पहले स्वदेशी रूप से विकसित टीके का उत्पादन किया है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विभिन्न बीमारियों के लिए कई अन्य टीके भी उपलब्ध हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ऐसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप- पीपीपी) मॉडल को और अधिक बढ़ावा देने पर जोर दिया, जो विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं में शहरी- ग्रामीण के बीच के अंतर को समाप्त करने के लिए आज के समय की मांग है और जिसके लिए प्रतीक्षा कर रहे समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए सरकार ‘डॉक्टर्स इन व्हील्स’ की तरह कई अकल्पनीय पहलें की गई हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा इस सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और जिसका अनुमान इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि मात्र 145 मेडिकल कॉलेजों से संख्या बढ़कर अब 260 तक पहुंच गई है, 16 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) के साथ ही सैकड़ों डायलिसिस केंद्र इत्यादि अस्तित्व में आ चुके हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी (इकोसिस्टम) एवं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के साथ ही हाल में चंद्रयान -3 का प्रक्षेपण, क्वांटम प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) आदि में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
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