आकांक्षाओं और विरासत के प्रतीक बनेंगे अमृत रेलवे स्टेशन -पीएम मोदी

भारतीय रेल के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरूआत हो रही है। अमृत रेलवे स्टेशन के तौर पर देश के 13सौ प्रमुख रेलवे स्टेशन आधुनिकता के साथ विकसित किए जाएंगे। इससे देश के सभी राज्यों को लाभ मिलेगा। अमृत स्टेशन शहर की आधुनिक आकांक्षाओं और प्राचीन विरासत का प्रतीक बनेगा। इसके लिए रेलवे स्टेशन को शहर की ऐतिहासिक और गौरवशाली पहचानों से जोड़ा जाएगा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक ऐतिहासिक पहल के तहत ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ का उद्घाटन किया। पीएम ने 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी।

इस अवसर पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने रेल मंत्रालय की तारीफ करते कहा कि भारतीय रेल के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरूआत हो रही है। अमृत रेलवे स्टेशन के तौर पर देश के 13सौ प्रमुख रेलवे स्टेशन आधुनिकता के साथ विकसित किए जाएंगे। इससे देश के सभी राज्यों को लाभ मिलेगा। अमृत स्टेशन शहर की आधुनिक आकांक्षाओं और प्राचीन विरासत का प्रतीक बनेगा। इसके लिए रेलवे स्टेशन को शहर की ऐतिहासिक और गौरवशाली पहचानों से जोड़ा जाएगा, जैसे जयपुर को हवा महल से । पीएम ने कहा कि सरकार ने स्टेशनों को शहर और राज्यों की पहचान से जोड़ने के लिए वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट योजना भी शुरू की है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा जोर भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने के साथ ही पर्यावरण फ्रेंडली बनाने पर है। बहुत जल्द भारत के शत-प्रतिशत रेल ट्रैक्स इलेक्ट्रिफाइड होने जा रहे हैं। 2030 तक भारत एक ऐसा देश होगा, जिसकी रेलवे नेट जीरो उत्सर्जन पर चलेगी। रेलवे में काम की गति की प्रशंसा करते कहा कि दक्षिण अफ्रीफा, यूक्रेन, पोलैंड, यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है, उससे अधिक रेल ट्रैक हमारे देश में इन 9 वर्षों में बिछाए गए हैं। साउथ कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में कुल जितना रेल ट्रैक है, उससे अधिक रेल ट्रैक भारत में अकेले पिछले साल बनाए गए हैं।

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी के अनुसार, देश का रेल नेटवर्क विश्व के सबसे बड़े और व्यस्ततम रेलवे नेटवर्क में से एक है। पिछले नौ वर्षों से भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इसके अंतर्गत आधारभूत ढांचे, तकनीक और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों की पुनर्सज्जा, नई रेलवे लाइनें बिछाने, शत-प्रतिशत विद्युतीकरण और यात्रियों एवं परिसंपत्तियों की संरक्षा को बढ़ाने जैसी व्यापक गतिविधियां शामिल हैं।

इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा है कि पुनर्विकास परियोजना की लागत 24,470 करोड़ होगी। प्रधानमंत्री जिन रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे, उनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 55-55, बिहार के 49, महाराष्ट्र के 44, पश्चिम बंगाल के 37, मध्य प्रदेश के 34, असम के 32, ओडिशा के 25, पंजाब के 22, गुजरात और तेलंगाना के 21-21, झारखंड के 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के 18-18, हरियाणा के 15 और कर्नाटक के 13 स्टेशन शामिल हैं।

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