पुडुचेरी में कांग्रेस को करारा झटका लगा है। विधानसभा में विश्वासमत के दौरान पार्टी की सरकार गिर गई है। मुख्यमंत्री नारायणसामी ने उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। छह विधायकों के इस्तीफे के बाद नारायणसामी की सरकार अल्पमत में आ गई थी। दो विधायकों ने 21 फरवरी को इस्तीफा देकर सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी थीं। इसके बाद सरकार के सामने सियासी संकट पैदा हो गया था।
22 फरवरी को नारायणसामी ने अपने समर्थकों के साथ विधानसभा से वॉकआउट किया। बाद में उन्होंने उपराज्यपाल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया। इस्तीफा देने से पहले सीएम ने कहा कि कांग्रेस ने द्रमुक और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई। उसके बाद हमने विभिन्न चुनावों का सामना किया। हमने उपचुनाव में भी जीत हासिल की। यह इस बात का सबूत है कि पुडुचेरी के लोग हम पर विश्वास करते हैं।
We formed the government with the support of DMK and independent MLAs. After that, we faced various elections. We have won all the by-elections. It is clear that people of Puducherry trust us: Puducherry CM V.Narayanasamy in assembly pic.twitter.com/mrnsN2xxFh
— ANI (@ANI) February 22, 2021
मोदी,बेदी और हिंदी जिम्मेदार
सीएम ने पूर्व उपराज्यपास किरण बेदी पर निशाना साधते हुए कहा कि बेदी और केंद्र की मोदी सरकार ने टकराव की साजिश रची और सरकार गिराने की कोशिश की। भारतीय जनता पार्टी यहां जबरन हिंदी लागू करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि विधायकों को पार्टी के प्रति वफादार होना चाहिए, लेकिन कांग्रेस से चुनाव जीतकर आए विधायकों ने अवसरवादी कदम उठाए। उन्हें चुनाव में इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा।
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सत्ता पक्ष के पास मात्र 12 विधायक
बता दें कि कांग्रेस ने पिछले साल अपने एक विधायक को निष्कासित कर दिया था। कांग्रेस ने उस पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगया था। 33 सदस्यीय विधानसभा में 30 निर्वाचित सीटें हैं, तीन भाजपा के मनोनीत सदस्य हैं। वर्तमान में सत्ता पक्ष के पास मात्र 12 विधायक रह गए हैं, जबकि विपक्षी सदस्यों की संख्या 14 हो गई है, जबकि सात स्थान रिक्त हैं।
जल्द ही होना है विधानसभा चुनाव
कांग्रेस के पास वर्तमान में मात्र 9 विधायक हैं। इनमें विधानसभा अध्यक्ष एसपी शिवकोलुंदी भी शामिल हैं।
बता दें कि पुडुचेरी में अगले दो-तीन महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए सभी पार्टियां तमाम तरह के हथकंडे अपना रही हैं। भाजपा पश्चिम बंगाल, आसाम, केरल के साथ ही पुडुचेरी पर भी नजर गड़ाए हुए है। वहीं काग्रेस और डीएमके भी चुनाव में जीत के लिए अपनी पूरी तातक झोंक रही हैं।