विपक्षी दलों के वॉकआउट के बाद लोकसभा में पास हो जाने के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 7 अगस्त को राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश करेंगे। यह विधेयक राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के अधिकार से संबंधित है।
19 मई को, केंद्र ने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने हेतु राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 लागू किया। मुख्यमंत्री प्राधिकरण के तीन सदस्यों में से एक हैं, जबकि दो अन्य नौकरशाह हैं। प्राधिकरण द्वारा निर्णय बहुमत से लिए जाएंगे और विवाद की स्थिति में मामला उपराज्यपाल को भेजा जाएगा, जिनका निर्णय अंतिम होगा।
दिल्ली की आप सरकार ने अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिसने याचिका को संविधान पीठ के पास भेज दिया है।
शाह का विपक्ष पर हमला
लोकसभा में विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए, शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला किया और कहा कि उसे लोकतंत्र या लोगों की चिंता नहीं है, बल्कि केवल अपने नवगठित गठबंधन को बचाने की चिंता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी विपक्षी गठबंधन के बावजूद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के चुनावों में “पूर्ण बहुमत” के साथ लौटेंगे।
लोकसभा में पारित हुआ बिल
बता दें कि लोकसभा में जब विधेयक पारित किया जा रहा था, आप के एकमात्र लोकसभा सदस्य, सुशील सिंह रिंकू, सदन के वेल में गए और कागजात फाड़ दिए तथा उसे अध्यक्ष ओम बिरला की ओर फेंक दिया। इसके बाद में उन्हें शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
अमित शाह ने आलोचकों को दिया करारा जबाव
विधेयक पर आलोचना का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा , ”हर कोई राज्य के अधिकारों के बारे में बात कर रहा है। कौन सा राज्य? दिल्ली कोई राज्य नहीं है। यह एक केंद्र शासित प्रदेश है। यह देश की राजधानी भी है। इसे एक विशेष अनुच्छेद के तहत बनाया गया है। दिल्ली प्रशासन की कार्यप्रणाली को संविधान द्वारा स्वीकार किया गया है। अनुच्छेद 239AA के अनुसार, संसद को केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली से संबंधित कानून बनाने का अधिकार है।
मेवात हिंसा: बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या मामले में ‘इस’ आप नेता पर कसा शिकंजा
इन पार्टियों ने आसान किया रास्ता
राज्यसभा में भाजपा के सहयोगियों के अलावा, वाईएसआरसीपी और बीजेडी दोनों ने विधेयक का समर्थन किया है। बीजेडी और वाईएसआरसीपी के राज्यसभा में नौ-नौ सदस्य हैं। इनके समर्थन से मोदी सरकार राज्यसभा में भी बहुमत का आंकड़ा पार कर सकता है।