ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर में सुरक्षा की अभेद्य किलेबंदी के बीच लगातार चौथे दिन सोमवार को भी एएसआई सर्वे (ASI Survey) शुरू हो गया है। सावन के पांचवें सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के दरबार में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए निर्धारित समय की बजाय वैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्य के लिए एएसआई की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्वाह्न 11.30 बजे ज्ञानवापी पहुंची।
चौथे दिन एएसआई की टीम तीनों गुंबद की थ्रीडी इमेजिंग, मैंपिग के साथ डिजिटल नक्शे में फोटोग्राफ को शामिल करेंगी। टीम को ज्ञानवापी परिसर की सभी चाबियां मिल गई हैं। गुंबद और सीढ़ी का ताला खुलवाकर सर्वे कार्य हो रहा है।
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि सर्वे सुबह 11 बजे शुरू होकर दोपहर 12:30 बजे तक फिर यह दोपहर 2:30 से शाम पांच बजे तक चलेगा। उन्होंने कहा कि यह एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण है और अधिवक्ता आयोग के सर्वेक्षण से अलग है। यह सोचना गलत है कि हर दिन कुछ नया मिलेगा क्योंकि संरचना और वास्तुकला का विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन हो रहा है। जब एएसआई की रिपोर्ट आएगी, तब हमें निष्कर्ष का पता चलेगा।
उन्होंने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी, सब कुछ आ जाएगा। पूरे परिसर का सर्वे हो रहा है। एएसआई ने अपनी 42 सदस्यीय टीम को बांटा है।
हिन्दू पक्ष के ही अधिवक्ता वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे में अंजुमन इंतजामिया कमेटी भी सहयोग कर रही है। उन्होंने बताया कि आज गुंबद के पास सर्वे होगा। रविवार को भी वहां जांच हुई थी। हिन्दू पक्ष की वादिनी मंजू व्यास ने पत्रकारों को बताया कि सर्वे से हम संतुष्ट हैं। टीम अच्छे से अपना काम कर रही है।
गौरतलब हो कि ज्ञानवापी के सर्वे में अब तक गुंबद के भीतरी, बाहरी और उसके आसपास मिले धार्मिक आकृतियों की फोटो और वीडियोग्राफी कराने के साथ मैपिंग भी हुई है। सूत्र बताते हैं कि ज्ञानवापी में 20 से ज्यादा साक्ष्य धार्मिक महत्व से जुड़ें मिले हैं। टीम ने मस्जिद के कंगूरों का अध्ययन किया और इसकी बनावट आदि की मैपिंग की है।
ज्ञानवापी परिसर के अंदर एएसआई की चार टीमों ने अलग-अलग हिस्सों में दीवारों, छत, ताखा व खंभों पर अंकित चित्रों को देखा। साथ ही उनके आकार, प्रकार को रिकॉर्ड में दर्ज कर वीडियोग्राफी भी कराई गई। एएसआई टीम को गुंबदों के सर्वे के दौरान गोलाकार छत में नागर शैली की डिजाइनें मिली हैं। ज्ञानवापी के हॉल में तीनों गुंबद की डिजाइनों की भी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई। जिला जज डॉ अजय कुमार विश्वेश की अदालत के आदेश पर एएसआई टीम को अपनी सर्वे रिपोर्ट दो सितंबर तक दाखिल करनी है। टीम को ज्ञानवापी का सर्वे करने में दो सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है।
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