इसलिए चीन में तीन पत्रकार गिरफ्तार!

चीन पिछले करीब आठ महीनों से गलवान घाटी में हुई झ़ड़प में अपने सैनिक नुकसान को लेकर चुप्पी साधे हुए था।

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गलवान घाटी में एलएसी के पास भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प में चीन ने अपने चार सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है। इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना करनेवाले तीन पत्रकारों को चीन ने गिरफ्तार कर लिया है। 15 जून 2020 को हुई इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शदीह हुए थे।

चीन पिछले करीब आठ महीने से इस झ़ड़प में अपने सैनिक नुकसान को लेकर चुप्पी साधे हुए था। हाल ही में उसने स्वीकार किया है कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में उसके भी चार सैनिक मारे गए थे। अब उसके इस आंकड़े पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

शहादत के अपमान का आरोप
मिली जानकारी के अनुसार इन तीनों पत्रकारों ने इस मुद्दे पर चीन की सरकार की आलोचना की थी। इससे नाराज पुलिस प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि इन्हें पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में 38 वर्षीय किउ जिमिंग भी शामिल हैं। वह इकोनॉमिक ऑब्जर्वर के लिए काम कर चुके हैं। चीन की ओर से सैनिकों के मारे जाने के आंकड़े का खुलासा किए जाने के बाद 19 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। किउ पर आरोप है कि उन्होंने आंकड़ों पर सवाल उठाकर सेना की शहादत का अपमान किया है।

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चीन ने की थी पुष्टि
18 फरवरी को चीन ने आधिकारिक रुप से बताया था कि गलवान घाटी के पास हुई झड़प में उसके 4 सैनिक मारे गए थे। 15 जून 2020 को यह हिंसक झड़प उस समय हुई थी, जब चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास कर रहे थे। चीन के चार सैनिकों के मारे जाने पर सवाल उठाते हुए पत्रकार किउ ने सोशल मीडिया वीबो पर टिप्पणी की थी और आंकड़े ज्यादा होने का शक जताया था। उन्होंने लिखा था , ‘भारत के नजरिए से देखें तो वो जीत गए और कीमत भी कम चुकाई।’

ये हैं आरोप
इन चार पत्रकारों को गलत जानकारी देने और समाज को गलत प्रभाव डालनेवाली खबर देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। किउ के आलावा 21 फरवरी को एक अन्य ब्लॉगर को बीजींग से गिफ्तार किया गया, जबकि 25 वर्षीय एक दूसरे पत्रकार यांग को दक्षिणी-पश्चिमी सूबे सिचुआन से गिरफ्तार किया गया।

 

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