भाजपा ने शक्तिपीठ चिंतपूर्णी में वीआईपी दर्शन के लिए 1100 रुपये का शुल्क तय करने के कांग्रेस सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने राज्य सरकार से तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
बिक्रम ठाकुर ने 9 अगस्त को एक बयान में कहा कि ये कौन सा व्यवस्था परिवर्तन है, जहां लोगों को मंदिर के दर्शन करने के लिए भी शुल्क चुकाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने वीआईपी कल्चर को खत्म किया है, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार मंदिरों में भी वीआईपी कल्चर को बढ़ावा दे रही है।
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मुख्यमंत्री से पूछे सवाल
ठाकुर ने कहा कि मंदिर दर्शन के लिए जिस फार्मूले को प्रदेश सरकार ने बनाया है, उसके अनुसार 500 लोगों को पास दिए जाएंगे और अन्य वीआईपी के लिए यह दर्शन मुफ्त रहेगा। मुख्यमंत्री बताएं कि ये वीआईपी की कैटेगरी में कौन आता है? वो स्थानीय जनता किस प्रकार दर्शन का लाभ ले पाएगी। ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार इस तरह के निर्णय लेकर आपदा में अवसर ढूंढ़ रही है। मुख्यमंत्री लोगों को राहत देने के बजाय प्रतिदिन इस बात पर विचार करते नजर आते हैं कि गरीब जनता की जेब से पैसा निकालने के लिए कौन सा नया क़ानून बनाया जाए। लोगों की आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने वाली सरकार को हिमाचल की जनता जल्द आईना दिखाएगी।