नूंह में बृजमंडल यात्रा पर हुए हमले के बाद से नूंह जिला में स्कूल बंद हैं। धारा 144 लागू है। इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। इन सब कारणों से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी। हालांकि हिंसा के 10 दिन बीत जाने के बाद शांति है। इसी के चलते शुक्रवार से जिले के स्कूलों को खोल दिया गया, ताकि बच्चों की पढ़ाई और अधिक बाधित न हो, हालांकि पहले दिन स्कूलों में कम ही विद्यार्थी पहुंचे।
नूंह जिला के जिन क्षेत्रों में शांति रही। कानून व्यवस्था नियंत्रण में रही। वहां के स्कूलों को खोलने के लिए स्कूल संचालकों की ओर से मांग की जा रही थी। इसी के चलते प्रशासन ने 11 अगस्त से स्कूल खोलने का निर्णय लिया।
जिलाधीश धीरेंद्र खटकड़ा की ओर से कहा गया है कि जिले में पूर्व की भांति धारा 144 और कर्फ्यू जारी रहेगा। बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए स्कूलों को खोला गया है। बच्चों की परीक्षाएं भी नजदीक हैं। लोगों को अपनी जरूरतों का सामान खरीदने के लिए कर्फ्यू में सुबह 7 बजे से दोपहर बाद 3 बजे तक ढील दी गई है। क्षेत्र से मिली सूचनाओं के मुताबिक नूंह शहर व ग्रामीण अंचल में करीब 20 फीसदी विद्याथी ही स्कूलों में पहुंचे।
आसपास के स्कूलों में पहले जहां बच्चे खुद ही चले जाते थे, अब बच्चों को उनके अभिभावक ही छोड़ऩे पहुंचे। जिन क्षेत्रों में हिंसा का असर नहीं था, वहां पर विद्यार्थियों की संख्या अच्छी-खासी रही। स्कूल खुलने पर प्रशासन और क्षेत्र में तैनात अर्धसैनिक बल के जवान फ्लैग मार्च भी करते नजर आए। माहौल जैसे-जैसे शांत हो रहा है, वहां पर शांति बहाली की बात कही जा रही है। शुक्रवार 11 अगस्त से ही रोडवेज की बस सेवाएं पूरी तरह से संचालित हो जाएंगी। अभी तक गिने-चुने रूटों पर बस चलाई जा रही थी।
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