बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सड़कों के गड्ढों के कारण हो रही मौतों पर जताई नाराजगी, महाराष्ट्र सरकार और नागरिक निकायों को लगाई फटकार

मुंबई और इसके आसपास की सड़कों पर पड़े गड्ढों के कारण होने वाली मौतें अब एक बड़ा मुद्दा बन गया है। इसे लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय ने महानगरपालिकाओं के साथ ही प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है।

290

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 11 अप्रैल को महाराष्ट्र की सड़कों पर पड़े गड्ढों से होने वाली मौतों पर नाराजगी जताई। न्यायालय ने इसके लिए राज्य सरकार और नागरिक निकायों को जिम्मेदार ठहराते हुए फटकार लगाई। न्यायालय ने इन मौतों को मानव जनित बताते हुए सरकार और नागरिक निकायों की खिंचाई की।

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कहा कि सड़कों की खराब हालत, गड्ढों और मैनहोल खुले रहने के कारण होने वाली मौतों का कारण प्राकृतिक नहीं बल्कि मानव जनित है। न्यायालय ने कहा कि वाहन योग्य और सुरक्षित सड़कें सुनिश्चित करना महाराष्ट्र सरकार और नागरिक निकायों का संवैधानिक दायित्व है।

राज्य सरकार को लगाई फटकार
मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने शहर की सभी सड़कों को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकार क्षेत्र में सौंपने के पिछले साल न्यायालय द्वारा दिए गए सुझाव पर कोई निर्णय नहीं लेने के लिए राज्य सरकार की भी खिंचाई की।

रूजू ठक्कर की याचिका पर सुनवाई
पीठ अधिवक्ता रूजू ठक्कर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में मुंबई और पड़ोसी नगरों में सभी मुख्य सड़कों पर गड्ढों की मरम्मत के निर्देश देने वाले 2018 के उच्च न्यायालय के आदेशों को लागू करने में विफल रहने के लिए नागरिक निकायों के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग की गई थी।

10 अगस्त को जारी न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, मुंबई, ठाणे, कल्याण डोंबिवली, नवी मुंबई, वसई विरार और मीरा भयंदर नागरिक निकायों के आयुक्त सुनवाई के दौरान उपस्थित थे।

शपथ पत्र दायर करने का निर्देश
पीठ ने सभी महानगरपालिकाओं को विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें बताया जाए कि न्यायालय द्वारा पारित 2018 के आदेश पर उन्होंने क्या कदम उठाए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाया जाए। न्यायालय ने कहा,“हर दिन कोई न कोई दुर्घटना होती है। ये मानव जनित हैं। इन मौतों का कारण प्राकृतिक नहीं है। आपको (सरकार और नागरिक निकायों को) इसे रोकना होगा। यह आपकी जिम्मेदारी है। आपका संवैधानिक दायित्व है।”पीठ ने कहा, ऐसे मुद्दों पर आदेश पारित करना न्यायालय का काम नहीं है।

खत्म होगा देशद्रोह कानून, देश में बदल जाएंगे ये तीन कानून; गृह मंत्री ने पेश की नई CrPC

बीएमसी आयुक्त ने रखा पक्ष
बीएमसी आयुक्त इकबाल चहल ने 11 अगस्त को न्यायालय को बताया कि इस सीजन में मुंबई में बहुत भारी बारिश हुई है और इससे सड़कों की हालत खराब हो गई है। उन्होंने कहा, मुंबई में सड़कों का कंक्रीटीकरण किया जा रहा है और जब भी गड्ढों के बारे में जानकारी मिलती है, संबंधित सड़क की मरम्मत की जाती है।

हालांकि,  उनकी बातों से  न्यायालय सहमत नहीं हुआ और कहा कि तथ्य यह है कि सड़कें अभी भी खराब स्थिति में हैं और पूछा कि सड़कें बारिश क्यों नहीं झेल सकतीं।

बीएमसी का दावा है कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों में 6,000 से अधिक गड्ढों को सुरक्षात्मक ग्रिल से ढका गया है और शेष 94,000 गड्ढों को कवर किया जाएगा।

Join Our WhatsApp Community

Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.