ठाणे जिले के कलवा में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में इलाज करा रहे 17 मरीजों की एक ही रात में मौत हो गई है। इनमें आईसीयू में 14 और जनरल वार्ड में 3 मरीजों की मौत शामिल है। इससे अस्पताल परिसर में मरीजों के रिश्तेदारों का जमावड़ा लग गया है । यह अस्पताल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विधानसभा क्षेत्र में है, इसलिए अस्पताल में हो रही मरीजों की मौत पर सीएम शिंदे भी लोगों के निशाने पर हैं।
कलवा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में शनिवार की रात में इतने अधिक मरीजों की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई अधिकृत प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। शिवसेना शिंदे समूह के प्रवक्ता और ठाणे के पूर्व महापौर नरेश ह्मस्के ने बताया कि अस्पताल की क्षमता कुल 500 बिस्तर की है, जबकि इस समय यहां 750 से अधिक मरीज इलाज करवा रहे हैं। इस अस्पताल में ठाणे जिले के दूरदराज इलाकों से मरीज आते हैं और निजी अस्पतालों से जिन मरीजों को भेजा जाता है, उन्हें भी यहां एडमिट किया जाता है। नरेश ह्मस्के ने कहा कि जिन मरीजों की मौत हुई है, उनकी हिस्टरी देखें तो मरीज अंतिम चरण में यहां पहुंचे थे। नरेश ह्मस्के ने कहा कि मरीजों की संख्या देखते हुए यहां डॉक्टरों और नर्सों की संख्या कम है, इसे जल्द भरा जाएगा।
पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि इस अस्पताल में मरीजों की मौत के लिए सरकारी व्यवस्था जिम्मेदार है। राज्य में मुख्यमंत्री कौन,इसका ही पता नहीं है। इसीलिए सभी जगह कामकाज ठप है। अस्पतालों में दवा की आपूर्ति भी समय पर नहीं हो पा रही है। राकांपा विधायक जीतेंद्र आव्हाड ने कहा कि इस अस्पताल में दो दिन पहले भी एक ही दिन में 5 मरीजों की मौत हुई थी। उस समय उन्होंने अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की मांग की थी। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया और बीती रात यहां 17 मरीजों की मौत हो गई। आव्हाड ने सीएम शिंदे को अस्पताल व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की मांग की है।
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