जुलाई महीने में एनसीपी में फूट पड़ गई, क्योंकि अजीत पवार समेत कुछ नेताओं ने पार्टी लाइन से अलग सीधे तौर पर सरकार में हिस्सा लेते हुए मंत्री पद की शपथ ले ली थी। तब से लगातार कोशिश की जा रही है कि शरद पवार इस भूमिका को स्वीकार कर लें। भाजपा चाहती है कि भविष्य की राजनीतिक गणित को ध्यान में रखते हुए दोनों गुट एक हो जाएं। अजीत पवार भी इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। इस बीच चर्चा है कि अजीत पवार ने शरद पवार से गुप्त मुलाकात की है।
12 अगस्त को शरद पवार और अजीत पवार के बीच एक गुप्त मुलाकात का खुलासा हुआ है। यह मुलाकात अतुल चोरड़िया के कोरेगांव पार्क स्थित बंगले में होने की बात कही जा रही है। यह बात भी सामने आई है कि इस बैठक में जयंत पाटील और दो अन्य विधायक भी मौजूद थे। इस बारे में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने छत्रपति संभाजी नगर में अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है।
आखिर क्या कहा देवेन्द्र फड़णवीस ने?
मुझे इस मुलाकात के बारे में कुछ पता नहीं है। क्या वाकई ये मुलाकात हुई है? यदि कोई बैठक हुई तो क्या चर्चा हुई? मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। बैठक कहां हुई? देवेन्द्र फडणवीस ने मुस्कुराते हुए कहा कि मुझे इस बारे में कुछ भी पता नहीं है। मैं इस बारे में कुछ भी नहीं बोल सकता।
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महामंडल आवंटन का फार्मूला क्या है?
महामंडल आवंटन फॉर्मूला क्या है? ऐसा सवाल देवेन्द्र फडणवीस से पूछा गया। उन्होंने कहा, ” इसके लिए एक समन्वय समिति का गठन किया गया है। यह समन्वय समिति निर्णय लेगी। फडणवीस ने यह भी कहा कि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि कौन सा महामंडल किसे देना है।”