एनआईए ने पीएफआई पर नकेल कसने के तहत रविवार को महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार और केरल में 14 स्थानों पर छापेमारी कर डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज जब्त किए हैं। एनआईए को ऐसी आशंका है कि पीएफआई कैडर ‘मास्टर ट्रेनर’ के रूप में काम कर रहे हैं। देश के विभिन्न राज्यों में हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जा रहे हैं।
ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि कट्टरपंथी पीएफआई कैडरों को हथियार, लोहे की छड़ें, तलवारें और चाकू चलाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इन सभी पहुलओं का व्यापक रूप से अध्ययन कर इन कैडरों और कार्यकर्ताओं की पहचान करने और एनआईए की तरफ से उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पिछले कई महीनों से विभिन्न राज्यों में कई स्थानों पर छापे मारे गए हैं। कल की छापेमारी के तहत एनआईए ने कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़, महाराष्ट्र के नासिक और कोल्हापुर, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, बिहार के कटिहार और केरल के कन्नूर और मलप्पुरम में कार्रवाई की।
एनआईए ने कोल्हापुर से तीन संदिग्ध आतंकवादी गिरफ्तार
एनआईए की टीम ने कोल्हापुर में तीन जगहों पर छापेमारी करके तीन लोगों को पहले हिरासत में लिया। इसके बाद रविवार को देर रात तीनों को गिरफ्तार कर लिया। एनआईए को शक है कि ये तीनों संदिग्ध आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। एआईए की टीम ने अभी तक इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी है। सूत्र बताते हैं कि एनआईए की टीम तीनों संदिग्ध आतंकवादियों से गहन पूछताछ कर पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वे किस आतंकी संगठन से जुड़े हैं? क्या वे कोल्हापुर के स्थानीय लोग हैं या बाहरी? उनकी योजना क्या थी? क्या उसने पहले भी आतंकवादी गतिविधियों में भाग लिया है? क्या उन्हें आतंकवादी प्रशिक्षण मिला? क्या उन्हें वित्तीय रसद प्रदान की गई? उनके साथ और कौन है? साथ ही आतंकियों का पश्चिमी महाराष्ट्र से क्या कनेक्शन है?
गौरतलब हो कि पीएफआई कट्टरपंथी विचारों को फैलाने और सशस्त्र और प्रशिक्षित युवाओं का एक संगठन बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत पीएफआई आतंकवाद, हिंसा और तोड़फोड़ के जरिए 2047 तक भारत में इस्लामिक राज्य स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। इसी के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर प्रतिबंध भी लगाया ।
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