चांद के बाद अब सूर्य मिशन, दुनिया एक बार फिर देखेगी भारत की उड़ान

आदित्य एल-1 सूरज का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। ये अंतरिक्ष यान लॉन्च के चार महीने बाद सूरज-पृथ्वी के सिस्टम में लैगरेंज पॉइंट-1 तक पहुंचेगा।

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चंद्रयान -3 के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब सूरज मिशन की तैयारी में है। सूरज के अध्ययन करने के मकसद से तैयार किया गया अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1 14 अगस्त को बेंगलुरू से श्रीहरिकोटा लाया गया।

इसरो ने ट्वीट कर दी जानकारी
इसरो ने ट्वीट करके कहा कि सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला, आदित्य-एल1, प्रक्षेपण के लिए तैयार हो रही है। यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी), बेंगलुरु में साकार किया गया उपग्रह एसडीएससी-एसएचएआर श्रीहरिकोटा पहुंच गया है।

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पहला भारतीय मिशन
आदित्य एल-1 सूरज का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। ये अंतरिक्ष यान लॉन्च के चार महीने बाद सूरज-पृथ्वी के सिस्टम में लैगरेंज पॉइंट-1 तक पहुंचेगा। यहां पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी की जा सकती है। हालांकि इस अंतरिक्ष यान के लॉन्च की कोई तारीख अभी तय नहीं की गई है।

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