स्वतंत्रता दिवस समारोह में आयी शहीद की पत्नी से अभद्रता, आयोजकों ने ऐसे किया पश्चाताप

जिला सैनिक कल्याण संयोजक इंद्रकुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि सैनिक, शहीद और उनके परिजनों का अपमान अक्षम्य है। इस तरह की हरकतें देश का अपमान है।

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मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में शामिल शहीद की पत्नी के साथ अभद्रता का मामला सामने आया है। कार्यक्रम स्थल पर एक व्यक्ति के दुर्व्यवहार से आहत होकर वह रोने लगीं। हालांकि, बाद में सतना की पूर्व महापौर ने इस अभद्रता के लिए न केवल उस व्यक्ति को फटकार लगाई बल्कि उनके पैर छुआकर माफी भी मंगवाई।

दरअसल, कारगिल युद्ध में शहीद हुए सतना से शहीद छोटेलाल सिंह की शहादत के सम्मान के लिए उनकी पत्नी विद्या सिंह को स्वतंत्रता दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया था। वह कार्यक्रम स्थल पर अग्रिम पंक्ति में बैठी थीं। उसी दौरान एक व्यक्ति उनके सामने आकर खड़ा हो गया। इसके कारण पीछे बैठे लोगों को कार्यक्रम देखने में असुविधा हो रही थी, इसलिए वहां मौजूद पटवारी आलोक जैन ने उसे हटने की हिदायत दी लेकिन वह नहीं हटा। शहीद की पत्नी ने भी उससे आग्रह किया तो वह खुद को नेता बताते हुए अभद्रता करने लगा। विद्या सिंह ने भी उसे बताया कि वह शहीद की पत्नी हैं और यहां उन्हें जिला प्रशासन ने सम्मानित करने के लिए बुलाया है। जिस पर उक्त अधिकारी द्वारा उन्हें शांत रहने की हिदायत दी गई लेकिन वह वहां से नहीं हटा। उसकी बात सुनकर सम्मान के लिए बुलाई गई शहीद की पत्नी की आंखों से आंसू छलक पड़े और वह फूट- फूटकर रोने लगीं।

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शहीद की पत्नी को रोता देखकर पूर्व महापौर विमला पांडेय वहां पहुंचीं और उनसे घटना की जानकारी ली। इसके बाद उस अभद्र शख्स की तलाश कराई, जिसने खुद को भाजपाई बताकर अनुचित बातें कहीं थीं। उन्होंने उस व्यक्ति की सबके सामने क्लास लेते हुए पूछा कि अगर वह भाजपाई है तो बताए कि वह कब से भाजपा में है। भाजपा जिलाध्यक्ष का नाम और अपना मंडल बताए, लेकिन वह इन सब सवालों के जवाब नहीं दे पाया। पूर्व महापौर ने शहीद की पत्नी को गले लगाकर उनके आंसू पोंछे और अभद्रता करने वाले से शहीद की पत्नी के पैर छुआकर माफी भी मंगवाई।

उधर, जिला सैनिक कल्याण संयोजक इंद्रकुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि सैनिक, शहीद और उनके परिजनों का अपमान अक्षम्य है। इस तरह की हरकतें देश का अपमान है।

गौरतलब है कि विद्या सिंह के पति अमर शहीद छोटे लाल सिंह ने कारगिल युद्ध में देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। उनके बेटे अमर बहादुर सिंह भी सेना में हैं, जो जम्मू कश्मीर में ही तैनात हैं। जब पिता शहीद हुए थे तो अमर बहादुर मां के गर्भ में थे। अमर बहादुर भी इस समय छुट्टी पर घर आए हुए हैं।

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