उत्तराखंड में बारिश से तबाही, जानिये अब तक कितने लोगों ने गंवाई जान

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उत्तराखंड में इस साल भी प्राकृतिक आपदा कहर बनकर टूटा है। राज्य में अब तक कुल 74 लोगों की अतिवृष्टि से जान गई है जबकि 43 लोग घायल हुए हैं। राज्य में तीन जिलों में कुल 19 लोग लापता है। मद्महेश्वर घाटी से 293 तीर्थ यात्रियों का सफल रेस्क्यू किया गया। प्रदेश में आगामी 20 अगस्त तक के लिए येलो अलर्ट जारी की गई है।

74 लोगों की मौत
राज्य आपदा परिचालन के मुताबिक प्रदेश में 15 जून से अबतक कुल 74 लोगों को 11 जिले में हुई अतिवृष्टि में जान गवानी पड़ी है। इनमें से सबसे अधिक रुद्रप्रयाग जिले में 19, चमोली, पौड़ी, उत्तरकाशी जिले में 08-08, उधमसिंह नगर में 07, देहरादून 06, हरिद्वार और टिहरी जिले में 05-05, नैनीताल एवं पिथौरागढ़ में 03-03, बागेश्वर जिले में 02 लोगों की मौत हुई है। चंपावत, अल्मोड़ा जिले में अतिवृष्टि से मौत का आकड़ा शून्य है।

43 घायल
राज्य में आपदा के दौरान 43 लोग घायल हुए हैं। इनमें से उत्तरकाशी में सबसे ज्यादा 18,पौड़ी में 07,रुद्रप्रयाग में 05,टिहरी और देहरादून में 03-03,अल्मोड़ा और उधमसिंह नगर में 02-02 और हरिद्वार में 01 घायल हुए हैं। इसके अलावा कुल 19 लोग लापता है। रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड हादसे में 15, पौड़ी जिले में 03 और उधमसिंह नगर में 01 लापता है। जिनके खोजबीन के लिए सर्च अभियान जारी है।

हेलीकॉप्टर से 190 और 103 लोगों का मैन्युअल रेस्क्यू : द्वितीय केदार भगवान मद्मेश्वर धाम को जोड़ने वाले बणतोली पुल के ध्वस्त हो जाने के बाद 293 के करीब तीर्थयात्री यात्रा पड़ावों में फंस गए। इस दौरान श्रद्धालुओं को भारी कठियाइयों का सामना करना पड़ा। मधु गंगा नदी में बना यह पुल धराशायी हो जाने के बाद तीर्थयात्री यात्रा पड़ावों में फंस गए। इनमें एक प्रेग्नेंट महिला भी शामिल थी। 15 अगस्त को आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवानों ने रस्सी के सहारे यात्रियों को निकालना शुरू किया जबकि बुधवार सुबह से हेली से भी रेस्क्यू शुरू किया गया जिसके बाद सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया। मंगलवार को शुरू हुए रेस्क्यू अभियान में 52 लोगों को रस्सी के सहारे नदी को पार करवाया गया जबकि बुधवार को प्रशासन की ओर से सुबह के समय मौसम साफ होने के बाद हेली से भी रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है। तीर्थयात्रियों को रस्सी के सहारे के साथ ही हेली की मदद से निकाला गया। हेली और रस्सी की मदद से करीब 293 श्रद्धालुओं को निकाला गया।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने मद्महेश्वर घाटी में स्थानीय महिलाओं ने नानू में अस्थाई हेलीपैड बनाया, जहां से फंसे यात्रियों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करते हुए रांसी पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर से 190 लोगों तथा 103 लोगों का मैन्युअल रेस्क्यू किया गया। इस प्रकार कुल 293 श्रद्धालुओं का सफल रेस्क्यू किया गया।

चमोली जिले जोशीमठ के हेलंग में मकान क्षतिग्रस्त होने पर कुल 07 लोग दब गए थे। इनमें से दो लोगों की मौत हो गई। 03 लोग सामान्य घायलों सीएसी में उपचार चल रहा है और 02 गंभीर घायलों को हेली सेवा से हायर सेंटर उपचार के लिए भेजा गया है। पौड़ी जिले के नाइट पैराडाइज कैम्प में 14 अगस्त को मलबा आने से कुल 05 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में एक लड़की को सुरक्षित निकाला गया था। कुल 06 लोग मलबा में दबे हुए थे। आज चार लापता के शव बरामद हुआ।

मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान में चंपावत, टिहरी गढ़वाल,देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिले के लिए 17 अगस्त (गुरुवार) को गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि 16 और 17 अगस्त को भी बारिश की संभावना है। हालांकि बारिश में कमी दर्ज की जाएगी। 19 और 20 को फिर से बारिश बढ़ने की संभावना है।

प्रदेशभर में लगातार हो रही वर्षा से 02 राष्ट्रीय राजमार्ग और एक बॉर्डर मार्ग, 11 राजमार्ग सहित लगभग 230 अन्य सड़कें बंद है जिन्हें खोलने कार्य संबंधित विभाग की ओर से कार्रवाई जारी है।

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