मोबाइल सिम देने में अब नहीं चलेगी धोखाधड़ी, आईटी मंत्री ने की ऐसी शुरुआत

पीओएस और लाइसेंसधारक के बीच लिखित समझौता अनिवार्य बना दिया गया है। ऐसे में कोई भी पीओएस यदि किसी अवैध गतिविधि में लिप्त होता है तो उसे बंद कर दिया जायेगा साथ ही तीन वर्ष के लिये उसे काली सूची में डाल दिया जायेगा।

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दूरसंचार, रेलवे और इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उपभोक्ता सुरक्षा को बेहतर बनाने और डिजिटल बदलाव की दिशा में दो सुधारों केवाईसी रिफार्म और पांइट आफ सेल (पीओएस) पंजीकरण सुधार की शुरुआत की।

पाइंट आफ सेल (पीओएस) पंजीकरण सुधार: इस सुधार में लाइसेंस धारक द्वारा फ्रेंजाइजी, एजेंट और वितरकों (पीओएस) के अनिवार्य पंजीकरण की शुरुआत की गई। इससे ठगी करने वाले पीओएस हटाने में मदद मिलेगी, ऐसे पीओएस जो कि धोखाधड़ी के हथकंडे अपनाकर असामाजिक/राष्ट्र-विरोधी तत्वों को मोबाइल सिम जारी कर देते हैं।
वहीं पीओएस पंजीकरण प्रक्रिया में लाइसेंसधारक द्वारा पीओएस का निर्विवाद सत्यापन शामिल है। इस प्रक्रिया के जरिये पीओएस और लाइसेंसधारक के बीच लिखित समझौता अनिवार्य बना दिया गया है। ऐसे में कोई भी पीओएस यदि किसी अवैध गतिविधि में लिप्त होता है तो उसे बंद कर दिया जायेगा साथ ही तीन वर्ष के लिये उसे काली सूची में डाल दिया जायेगा। इस प्रक्रिया के तहत लाइसेंसधारक द्वारा सभी मौजूदा पीओएस को 12 माह में पंजीकृत कराया जायेगा।
इससे लाइसेंसधारी प्रणाली से धोखाधड़ी और ठगी करने वाले पीओएस की पहचान करने, उन्हें कालीसूची में डालने और कारोबार से हटाने में मदद मिलेगी दूसरी तरफ सही काम करने वाले पीओएस को प्रोत्साहन मिलेगा।

केवाईसी सुधार – केवाईसी यानी अपने ग्राहक को जानो एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि ग्राहक की अलग तरीके से पहचान करता है और उसे दूरसंचार सेवायें देने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेता है। मौजूदा केवाईसी प्रक्रिया को और मजबूत बनाना दूरसंचार ग्राहकों को किसी भी संभावित धोखाधड़ी से बचाने का एक साधन मात्र है ताकि डिजिटल कारोबार के समूचे तंत्र में आम जनता का विश्वास और मजबूत हो सके।

प्रिंट किये आधार के दुरूपयोग को रोकने के लिये प्रिंट आधार के क्यूआर कोड की स्कैनिंग कर अनिवार्य तौर पर उसका जनसांख्यिकीय ब्यौरा लिया जायेगा। इसमें यदि मोबाइल नंबर बंद कर दिया जाता है तो इसे 90 दिन की समाप्ति से पहले किसी नये ग्राहक को आवंटित नहीं किया जायेगा। ग्राहक को अपने सिम को बदलने के लिये पूरा केवाईसी ब्यौरा देना होगा और उसमें आउगोइंग और इनकमिंग एसएमएस सुविधा पर 24 घंटे की रोक होगी।

आधार ई-केवाईसी प्रक्रिया में अंगूठे के निशान और आंखों की पुतली के सत्यापन के साथ ही अब चेहरे की पहचान पर आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की भी मंजूरी दी गई है। उद्यमों, इकाइयों (उदाहरण के तौर पर कंपनियों, संगठनों, ट्रस्ट, सोसायटी आदि) को मोबाइल कनेक्शन जारी करने के लिये बिजनेस कनेक्शन की शुरुआत। इकाइयां कितनी भी संख्या में मोबाइल कनेक्शन ले सकतीं हैं बशर्ते कि वह उनका इस्तेमाल करने वालों की पूरी केवाईसी उपलब्ध करायें। मोबाइल सिम उनका इस्तेमाल करने वालों की सफल केवाईसी होने और व्यवसाय परिसर/कार्यालय पते का भौतिक सत्यापन होने के बाद ही चालू होगा।

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