वंदना बर्वे, नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से जब यह घोषित किया कि, उनके तीसरे टर्म में भारत विश्व की तीसरी अर्थ व्यवस्था बनेगा तो भाजपा नेताओं में एक आस जग गई। यह आस जगी उन नेताओं में जो अगले वर्ष तक 75 वर्ष की आयु को छू रहे हैं। इसका कारण है कि पुरानी व्यवस्था में ऐसे नेताओं को भाजपा संचालक मंडल में लेकर चुनावी समर से बाहर कर दिया जाता रहा है।
संसद (Parliament) का वर्षाकालीन सत्र (Monsoon Session) समाप्त हो चुका है लेकिन, भाजपा (BJP) के पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग के कार्यालय में नेताओं की संख्या और जोश सिर चढ़कर बोल रहा है। इसकी तह में जाने पर पता चला कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के बयानों ने नेताओं में नव संजीवनी फूंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था (Third Largest Economy) बनने की घोषणाएं की, उन्होंने स्पष्ट किया कि, जिन कार्यों का शिलान्यास वे कर रहे हैं, उसका उद्घाटन भी वे ही करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि,वर्ष 2024 में जब वे जीतकर आएंगे तो देश को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक पाएगा।
नेताओं के लिए संकेत
75 वर्ष की आयु पूर्ण कर रहे नेताओं (Senior Leaders) को 2014 में बने भाजपा के नियमों के अनुसार सक्रिय चुनावी राजनीति से निवृत्त (Retirement) हो जाना चाहिये, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वास और उनकी तीन घोषणाओं ने भाजपा के पके कोपलों में खुशी की लहर प्रवाहित कर दी है। इसका प्रमुख कारण है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में खुद भी 75 वर्ष की आयु में पहुंच जाएंगे। ऐसे में प्रधानमंत्री ने तीन बार एक ही घोषणा की है। जिसे आयु का अमृतकाल मना रहे नेता शुभ संकेत मान रहे हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रगति मैदान में ‘भारत मंडपम्’ के कार्यक्रम में घोषणा की है कि, उनके तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसी घोषणा को उन्होंने फिर संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का उत्तर देते हुए दोहराया। जबकि तीसरी बाद स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से उन्होंने उसे फिर घोषित किया।
क्या है भाजपा में निवृत्ति नियम?
वर्ष 2014 में सत्ता संभालने के बाद प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 वर्ष की आयु पूर्ण करनेवाले नेताओं के लिए राजनीति से निवृत्त होने की घोषणा की थी। इसके अंतर्गत भाजपा में लालकृष्ण आडवाणी मार्गदर्शक मंडल में आ गए, उपराष्ट्रपति पद से उतरते ही वेंकैया नायडू भी उसी श्रेणी में आ गए हैं। आनंदीबेन पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री पद छोड़कर उत्तर प्रदेश का राज्यपाल पद थामना पड़ा। इसके अलावा कई नेताओं को राज्यपाल पद विभूषित करना पड़ा है।
इनकी होगी वापसी!
बदली-बदली भाजपा में 75 वर्ष की आयु पार करनेवालों में हेमा मालिनी, रीता बहुगुणा जोशी, संतोष गंगवार, किरण खेर और खुद नरेंद्र मोदी जैसे वरिष्ठ नेताओं के दिन लौट आएंगे।