नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से एक बार फिर सरकार ने वार्ता करने की इच्छा जताई है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बारे में कहा है कि हमने अब तक किसानों से 12 दौर की वार्ता की है और आगे भी बात करने को तैयार हैं। कृषि मंत्री के इस बयान के बाद जल्द ही सरकार और आंदोलकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच 13वें दौर की बातचीत होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
तोमर ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक नए कृषि कानूनों को लागू नहीं कर सकते। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की गठित समिति को अभी अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करनी है।
We have held 12 rounds of talks with the farmers. We are ready to talk to farmers anytime. We can't implement the farm laws as the matter is with Supreme Court. The SC constituted committee is yet to submit its feedback: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar pic.twitter.com/yaJhP4Ghd2
— ANI (@ANI) February 25, 2021
किसानों के हित में हैं कृषि कानून
इससे पहले 24 फरवरी को कृषि मंत्री ने कहा था कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार हमेशा से किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत सरकार किसानों से पूरी संवेदना के साथ चर्चा करती रही है। आज भी जब कोई विचार आएगा, तो हम किसानो से चर्चा करने को तैयार हैं।
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राकेश टिकैत का ऐलान
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने राजस्थान के चुरु में आयोजित सरदारशहर किसान महापंचायत में बड़ा ऐलान किया है। टिकैत ने कहा है कि 40 लाख ट्रैक्टरों की रैली निकाली जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर नया नारा, ‘हल चलानेवाला हाथ नहीं जोड़ेगा’ भी दिया है। टिकैत की इस घोषणा से भविष्य में मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। महापंचायत में टिकैत ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की और किसानों को एकजुट रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार को हर हालत में कृषि कानून रद्द करना होगा।
किसानों की आजादी की लड़ाई
टिकैत ने किसान आंदोलन को लंबा चलने की बात करते हुए कहा कि यह किसानों की आजादी की लड़ाई है। उन्होंने कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ ही एमएसपी को लेकर भी कानून बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान कृषि कानूनों से किसान और उपभोक्ता दोनों बर्बाद हो जाएंगे।
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तीन महीने से आंदोलन जारी
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलााफ पिछले करीब तीन महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। इन किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत के राजस्थान के चुरु जिले के सरदारशहर में स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में आयोजित किसान महापंचायत में कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी, सादुलपुर के विधायक कृष्णा पूनियां और तारानगर के विधायक नरेंद्र बुडानिया आदि भी मौजूद थे।