कांग्रेस के आचार्य गुस्सा गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर बड़ा आरोप लगाया है। जिसमें अपनी वेशभूषा और तिलक का उल्लेख किया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि पीठ के पिठाधीश्वर हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ में से हैं।
कांग्रेस (Congress) कार्यसमिति (Congress Working Committee) की घोषणा होते ही, नाराजगी भी धरातल पर स्पष्ट होकर दिखने लगी है। इस बार कुछ नए नामों को शामिल करके अवसर दिया गया है तो कुछ अपेक्षित लोगों को छोड़ दिया गया है। इसमें से एक नाम है वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Parmod Krishnam) का। कल्कि पीठाधीश्वर का नाम कांग्रेस कार्यसमिति (CVC) में न लिये जाने के बाद एक ट्वीट आचार्य प्रमोद कृष्णम ने किया है।
क्या है ट्वीट में?
पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को मेरी ‘वेशभूषा’ और ‘तिलक’ से चिढ़ है, जिन्हें मैं इस जन्म में नहीं छोड़ सकता।
मुख्यमंत्री भी शामिल नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने पदभार ग्रहण करने के दस महीने पश्चात नई कार्य समिति की घोषणा की है। इसमें 39 सदस्यों को शामिल किया गया है। जिसमें नाराज कहे जाने वाले गुट जी-23 (G-23) के सदस्यों को भी शामिल किया गया है। जबकि 32 स्थाई सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। जबकि, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों (Congress CM)को इसमें शामिल नहीं किया गया है। कांग्रेस की कर्नाटक (Karnataka), राजस्थान (Rajasthan), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और राजस्थान (Rajasthan) में सरकार हैं। यहां कि मुख्यमंत्री कार्य समिति में शामिल नहीं किये गए हैं। कांग्रेस ने उदयपुर के चिंतन शिविर और रायपुर के महाधिवेशन में तय किया था कि, संगठन के सभी स्तरों पर पचास वर्ष से कम आयु के नेताओं को स्थान दिया जाएगा, लेकिन वर्तमान कार्यसमिति में मात्र तीन नेता ही पचास से कम आयु के लिये गए हैं।
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