महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 1 मार्च से शुरू होने जा रहे बजट सत्र को लेकर संभ्रम की स्थिति बनी हुई थी। लेकिन 25 फरवरी को कामकाज सलाहकार समिति की हुई बैठक में इसकी समय सीमा तय कर दी गई है। बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक यह सत्र 1 मार्च से 10 मार्च तक चलेगा।
संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह सत्र 1 मार्च से राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के अभिभाषण से शुरू होगा। 2 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की जाएगी। वहीं 3 और 4 मार्च को प्रस्तावित विधेयकों पर चर्चा होगी। 5 मार्च को विपक्ष के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 8 मार्च को राज्य का बजट पेश किया जाएगा, जबकि 9 और 10 मार्च को प्रस्तावित विधेयक पारित किए जाएंगे।
विपक्ष ने किया वॉकआउट
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में विपक्ष ने बजट सत्र को पूरे समय तक चलाने की मांग की। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार की मानसिकता काम करने की नहीं है, इसलिए वह सत्र को जल्द से जल्द खत्म करना चाहती है। विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने से बचना चाहती है। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के मंत्री यहां कोरोना की बात करते हैं और बाहर हर तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। बैठक के दौरान विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाया और वॉकआउट किया।
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सरकार ने दी सफाई
संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब ने कहा कि कि बैठक के समय विपक्ष के वॉकआउट को अधिकृत नहीं माना जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने 19 दिनों तक बजट सत्र चलाने का निर्णय लिया था, लेकिन बढ़ते कोरोना के मद्देनजर इसे 1 मार्च से 10 मार्च तक चलाने का निर्णय लिया गया है। इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।