राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने 22 अगस्त को कहा कि नीतीश कुमार को फुलवरिया में लालू यादव के मंदिर जाने के समय उन पर छाता लगाने वाले एसडीपीओ को लोकसेवक आचार संहिता का उल्लंघन करने के कारण निलम्बित करना चाहिए। नीतीश बताएं कि अधिकारी ने किसके आदेश पर अनुमंडल से बाहर जाकर लालू प्रसाद की ऐसी सेवा की?
लालू यादव की आलोचना
सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद जब मुख्यमंत्री थे, तब आईएएस अफसर से पीकदान उठवाते थे। उन्होंने कहा कि यदि राजद सत्ता में रहा तो बिहार में डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को भी लालू प्रसाद या उनके परिवार के किसी व्यक्ति का पीकदान उठाना पड़ सकता है। साथ ही कहा कि लालू प्रसाद किसी संवैधानिक पद पर नहीं, बल्कि चारा घोटाला में सजायाफ्ता और जमानत पर हैं। फिर भी उनकी निजी यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन राजद प्रमुख की सेवा में नतमस्तक रहा।
सुभाष यादव का रिश्तेदार है अधिकारी
सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद के साथ फुलवरिया में बालू माफिया सुभाष यादव भी था। छाता लगाने वाला एसडीपीओ उनका करीबी रिश्तेदार बताया जाता है। उन्होंने कहा कि इसी सुभाष यादव ने एक ही दिन में राबड़ी देवी के चार फ्लैट खरीद लिए थे। सुभाष के यहां आयकर का छापा पड़ने पर करोड़ों रुपये की अवैध सम्पत्ति का पता चला था। मोदी ने कहा कि लालू और बालू का रिश्ता काफी पुराना है। इसलिए नीतीश सरकार बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकती है।