ईडी की छापेमारी से कांपा झारखंड, शराब घोटाले के सरगना पर भी कार्रवाई

झारखंड में शराब कारोबारियां का एक गुट राजस्व चोरी का आरोप है। इस चोरी के कारण सरकार को करोड़ो की चपत लगी है। जिसकी गंभीरता को देखते हुए ईडी ने इसकी जांच को हाथ में लिया है।

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों में आज (बुधवार) सुबह शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी, रामेश्वर, विनय सिंह व अन्य के यहां दबिश दी है। यह टीमें झारखंड की राजधानी रांची के अलावा देवघर, धनबाद, दुमका गोड्डा समेत 32 ठिकानों पर कागजात खंगाल रही हैं।

राजस्व ही डकार गए
एक अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई रांची में सात जगह चल रही है। देवघर में जमीन घोटाले के सिलसिले में और शराब घोटाले (Liquor Scam) में रांची (Ranchi) और दुमका (Dumka) में योगेंद्र तिवारी के सहयोगियों के ठिकाने पर छापा मारा गया है। कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के शराब काकस के साथ मिलकर झारखंड के उत्पाद विभाग (Jharkhand) ने राज्य के सरकारी राजस्व (Government Revenue) को 450 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगाई है।

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शराब घोटाले का सरगना कौन?
झारखंड में नई शराब नीति (Liquor Policy) के सलाहकार अरुण पति त्रिपाठी हैं। कथित रूप से वह ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के सरगना बताए जा रहे हैं। आरोप है कि केंद्र और छत्तीसगढ़ राज्य की सहमति के बिना उन्हें सलाहकार बनाया गया। नियमानुसार झारखंड में सलाहकार बनने के लिए मूल विभाग व छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेनी जरूरी होती है। त्रिपाठी पर छत्तीसगढ़ में कई गंभीर आरोप लगे हैं। इनमें फर्जी कंपनी बनाकर छत्तीसगढ़ में होलोग्राम छापने का आरोप भी है। इसके अलावा तीन कंपनियों का छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में नाम उछला है।

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