नये भारत के निर्माण का विजन पूरा करेगी एसीबीपी, जानें क्या है यह

यह योजना सेवाओं के वितरण, कार्यक्रम के कार्यान्वयन एवं शासन के मुख्य कार्यों को करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके साथ ही बेहतर प्रदर्शन के लिए जरूरी दक्षता हासिल करने के लिए अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने कहा है कि वार्षिक क्षमता निर्माण योजना (ACBP) का सभी विभागों की क्षमता और कार्य नीतियों को बेहतर बनाने में व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इससे पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के 2047 तक नए भारत के निर्माण के विजन को हासिल करने में तेजी आएगी।

अधिकारियों की क्षमता बढ़ाएगी एसीबीपी
उन्होंने कहा कि कल ग्रामीण विकास विभाग (Rural Development Department), भूमि संसाधन विभाग (Department of Land Resources) और पंचायती राज मंत्रालय (Ministry of Panchayati Raj) की वार्षिक क्षमता निर्माण योजना (ACBP) का शुभारंभ किया गया है। वार्षिक क्षमता निर्माण योजना एक योजना दस्तावेज है‌। जिसे मंत्रालय, विभाग, संगठन के अधिकारियों की क्षमता में आवश्यक वृद्धि के हिसाब से तैयार किया गया है। गिरिराज सिंह ने कहा कि यह योजना सेवाओं के वितरण, कार्यक्रम के कार्यान्वयन एवं शासन के मुख्य कार्यों को करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके साथ ही बेहतर प्रदर्शन के लिए जरूरी दक्षता हासिल करने के लिए अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे मंत्रालय और विभाग जन आधारित उद्देश्यों को प्राप्त कर बेहतर प्रदर्शन कर सके।

प्राथमिकताओं का चयन
प्रधानमंत्री के विजन न्यू इंडिया @2047 को पूरा करने के मकसद से क्षमता निर्माण आयोग ने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, नागरिकों को लोक प्रशासन के केंद्र में रखकर, उभरती तकनीक तथा तीन स्तंभों व्यक्तिगत, संगठनात्मक एवं संस्थागत माध्यम से वार्षिक क्षमता निर्माण योजना तैयार करने का तरीका अपनाया है। जिनका इस्तेमाल लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में सकारात्मक योगदान के तौर पर एक मार्गदर्शक के रूप में किया जाता है।

उन्होंने कहा है कि सभी विभागों की दक्षता और कार्य नीतियों को सुधारने में एसीबीपी का गहरा प्रभाव पड़ेगा। जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत (India) के दृष्टिकोण को हासिल करने में तेजी आएगी। वार्षिक क्षमता निर्माण योजना से क्षमता की आवश्यकता का विश्लेषण (सीएनए), अधिकारियों की जरूरत के हिसाब से क्षमताओं की प्राथमिकता और मंत्रालय के लिए क्षमता के महत्व के जरिए निर्धारित किया जाता है।

एसीबीपी का उद्देश्य
इसका उद्देश्य है कि एमडीओ ने क्षमता निर्माण पर जो संसाधनों का निवेश किया है, उसका बेहतर परिणाम मिल सके। एसीबीपी को लागू करने और उसे कायम रखने के लिए सभी तीनों विभागों में एक क्षमता निर्माण इकाई (सीबीयू) बनाई गई है। एसीबीपी के कार्यान्वयन के लिए विभाग के वेतन मद का ढ़ाई प्रतिशत खर्च निर्धारित किया जाएगा।  दूसरी तिमाही, तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही के लिए अधिकारियों की प्रशिक्षण जरूरतों को सीबीयू प्राथमिकता देगा।

उन्होंने कहा है कि प्रशिक्षण (Training) ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से होगा। सीबीसी ने अधिकारियों को विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए संस्थानों और ज्ञान साझेदारों की पहचान कर ली है। मंत्रालय एसीबीपी के असर का पता लगाने के लिए विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों को दिए गए प्रशिक्षण के प्रभाव का भी आकलन करेगा।

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