मनसुख हिरेन हत्या प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ा आदेश दिया है। जिससे महाराष्ट्र पुलिस के पूर्व एन्काउंटर स्पेशलिस्ट रहे प्रदीप शर्मा को राहत मिली है। प्रदीप शर्मा हत्या प्रकरण में गिरफ्तार हैं और जेल में हैं।
प्रदीप शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सर्वोच्च न्यायालय में पक्ष रखा था। यह सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश ए.एस बोपन्ना की बेंच चल रही थी। जिसमें न्यायाधीश ने सुनवाई पूरी करते हुए आदेश सुरक्षित रख लिया था। जिस पर 23 अगस्त को आदेश आया है।
मानवता के आधार पर जमानत
प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) पिछले दो वर्षों से जेल में बंद हैं। इस बीच उनकी पत्नी का स्वास्थ्य बिगड़ गया है। उनकी गैस्ट्रिक बाइपास सर्जरी हुई थी। परंतु, इससे उनकी समस्या बढ़ गई है। इसलिए प्रदीप शर्मा ने बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) में जमानत के लिए याचिका की थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने मानवता के आधार प्रदीप शर्मा को जमानत दी है।
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इंटीलिया प्रकरण में आरोपी
प्रदीप शर्मा को मनसुख हिरेन हत्या प्रकरण में गिरफ्तार किया गया था। उद्योगपति मुकेश अंबानी (Industrialist Mukesh Ambani) के निवास एंटीलिया (Antilia) के बाहर 2021 में विस्फोटक लदी गाड़ी खड़ी की गई थी। वह गाड़ी ठाणे के निवासी मनसुख हिरेन (Mansukh Hiren) की थी। इसके कुछ दिन बाद ही ठाणे क्रीक (Thane creek) से मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ था। इस हत्या की जांच में प्रमुख आरोपी सचिन वाझे (Sachin Vaze) के साथ प्रदीप शर्मा का भी नाम आया था।