देश में उर्वरक का पर्याप्त भंडारण, अगले सीजन तक नहीं होगी कमी

डॉ. मांडविया ने मिट्टी की उर्वरकता बचाने के लिये रासायनिक उर्वरकों के ज्यादा इस्तेमाल को कम करने की जरूरत को उजागर किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएम प्रणाम योजना (PM Pranam Scheme) के रूप में इस दिशा में पहले ही कदम उठा लिये हैं।

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केंद्रीय रसायन और उर्वरक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया (Dr. Mansukh Mandaviya) ने देश में उर्वरकों (Fertilizers) के इस्तेमाल व उनकी उपलब्धता पर राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ बातचीत की। बैठक के दौरान, उन्होंने नैनो-यूरिया, नैनो-डीएपी और वैकल्पिक उर्वरकों को मैदानी स्तर पर प्रोत्साहन देने की प्रगति तथा इस सिलसिले में राज्यों द्वारा की गई पहलों का जायजा लिया

150 लाख मीट्रिक टन उर्वरक मौजूद
बातचीत की शुरूआत में ही डॉ. मांडविया ने सभी राज्यों को सूचित कर दिया था कि देश में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है और इस समय 150 लाख मीट्रिक टन उर्वरक मौजूद है। यह भंडारण न सिर्फ मौजूदा खरीफ मौसम (kharif season) में काम आयेगा, बल्कि आने वाले रबी (Rabi) के मौसम में भी उसकी उपलब्धता सुनिश्चित रहेगी।

पीएम प्रणाम योजना
डॉ. मांडविया ने मिट्टी की उर्वरकता बचाने के लिये रासायनिक उर्वरकों के ज्यादा इस्तेमाल को कम करने की जरूरत को उजागर किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएम प्रणाम योजना (PM Pranam Scheme) के रूप में इस दिशा में पहले ही कदम उठा लिये हैं। इन प्रयासों में धीरे-धीरे घुलने वाली सल्फर कोटेड यूरिया (urea gold), नैनो-यूरिया, नैनो-डीएपी आदि के इस्तेमाल को भी शुरू किया जाना शामिल है। राज्य सरकारों ने भी इस संकल्प में सक्रिय भागीदारी करने की इच्छा व्यक्त की।

सभी जरूरतों को पूरा करेगी पीएमकेएसके पहल
देशभर में पीएमकेएसके (PMKSK) पहल पर चर्चा की गई, जो किसानों (farmers) की सभी जरूरतों को एक ही स्थान पर पूरा करने के लिये ‘वन-स्टॉप-शॉप’ (one-stop-shop) के रूप में काम करेगी। उन्होंने राज्यों के कृषि मंत्रियों (agriculture ministers) और राज्य सरकारों के अफसरों का आह्वान किया कि वे नियमित रूप से इन पीएमकेएसके का दौरा करें तथा किसानों को जागरूक करें।

गैर-कृषि कामों में इस्तेमाल न हो यूरिया
डॉ. मनसुख मांडविया ने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों का आग्रहपूर्वक आह्वान किया कि खेती के लिये उपयोगी यूरिया गैर-कृषि कामों में इस्तेमाल न होने दें। उन्होंने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से कहा कि इस सिलसिले में जागरूकता अभियान चलायें, ताकि कृषि यूरिया को अन्यत्र स्थानांतरित करने की संभावनायें कम की जा सकें तथा ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये।

उर्वरक उड़न दस्ते की कार्रवाई
बता दें कि इस मामले में केंद्र सरकार के उर्वरक उड़न दस्ते और विभिन्न कृषि विभागों, राज्य सरकारों ने संयुक्त निरीक्षण किया था, तथा गड़बड़ी करने वाली यूरिया संयंत्रों के खिलाफ 45 एफआईआर की गई थीं। इसके अलावा, 32 मिक्सचर संयंत्रों के लाइसेंस रद्द किये गये और 79 मिक्सचर संयंत्रों से उर्वरक के सारे अधिकार छीन लिये गये। इन सबके खिलाफ चोर बाजारी निवारण और आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की गई। राज्य सरकारों ने भी अपराधियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाने की वकालत की।

राज्यों ने भी व्यक्त किया समान संकल्प
बैठक में केंद्र और राज्यों ने एक-स्वर में कहा कि वैकल्पिक उर्वरकों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने तथा रासयनिक उर्वरकों (chemical fertilizers) की ज्यादा खपत को कम करने के लिये सभी जरूरी कदम उठाये जायें। हाल में जारी पीएम-प्रणाम, यूरिया-गोल्ड, नैनो-यूरिया, नैनो-डीएपी जैसी पहलों का राज्यों ने स्वागत किया। सभी ने किसान समुदाय के वृहद हितों को मद्देनजर रखते हुये इस मामले में अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिये समान संकल्प व्यक्त किया। बैठक में विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्रियों, राज्य सरकारों के अफसरों और उर्वरक विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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