बोर्ड की वर्ष में दो बार होंगी परीक्षाएं, पढ़नी होंगी दो भाषाएं! नई शिक्षा नीति में होंगे ये अमूलचूल बदलाव

नई शिक्षा नीति को लेकर वर्षों से कार्य चल रहा है। इसमें छात्रों के मानसिक विकास पर बल देने वाली शिक्षा प्रणाली को विकसित किया जा रहा है।

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  • नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) नई शिक्षा नीति लेकर आ रही है। इसमें बोर्ड की परीक्षाएं वर्ष में दो बार लिये जाने की योजना है। जबकि कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को दो भाषाएं पढ़नी होंगी। शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) के इस नए पाठ्यक्रम को वर्ष 2024 में शुरू होनेवाले सत्र से इसे लागू किया जा सकता है।
  • नई क्षिक्षा नीति को लेकर कई वर्षों से प्रयत्न चल रहा था। अब शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि, नई शिक्षा नीति (NEP) तैयार हो गई है। इसकी पुस्तकें 2024 के सत्र के अनुसार तैयार की जाएंगी।
  • एक प्रमुख समाचार एजेंसी द्वारा प्राप्त नेशनल करिकलम फ्रेमवर्क (NCF) के अनुसार, नई शिक्षा नीति में अमूलचूल बदलाव किये गए हैं, जो निम्नलिखित हैं..
  • कक्षा 11वीं और 12वीं में छात्रों को दो भाषाएं पढ़नी होंगी, जिसमें एक भारतीय भाषा पढ़ना अनिवार्य होगा।
  • बोर्ड की परीक्षाओं (Board Exams) के बोझ को कम करते हुए छात्रों के मानसिक विकास, उनकी उपलब्धि और क्षमताओं का आकलन किया जाएगा। जिससे महीनों की कोचिंग (Caoching) और पाठ्यांतरण का बोझ समाप्त किया जा सके।
  • वर्ष में दो बार बोर्ड की परीक्षाएं ली जाएंगी, जिससे छात्रों को पर्याप्त अवसर और समय मिले, जिससे उनके प्रदर्शन में सुधार हो। छात्र अपनी सुविधानुसार पढ़ाई करेंगे और चयन करके पूर्ण पढ़ाई जिन विषयों की कर लेंगे उसकी परीक्षा देंगे। छात्रों के पास अपने सबसे अधिक नंबर के चयन का अधिकार होगा।
  • 11वीं और 12वीं कक्षा के विषय का चयन विज्ञान, वाणिज्य और कला संकाय तक नहीं होगा सीमित

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  • स्कूल बोर्ड को एक समय सीमा में ‘ऑन डिमांड’ परीक्षा (On Demand Exam) लेने की क्षमता विकसित करनी होगी, बोर्ड परीक्षा के डेवलपर्स और इवैलुएटर्स को विश्वविद्यालय से सर्टिफाइड कोर्स करना आवश्यक होगा
  • नए ढांचे में यह भी कहा गया है कि कक्षा में पाठ्यपुस्तकों को ‘कवर’ करने की मौजूदा प्रथा से बचा जाएगा, जबकि इस बात पर जोर दिया जाएगा कि पाठ्यपुस्तकों की लागत को अनुकूलित किया जाना चाहिए।
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