जादवपुर रैगिंग प्रकरण: इसरो देगा तकनीकी सहायता जिससे छात्रों के साथ ना हो ज़्यादती

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इसरो वीडियो एनालिटिक्स, छवि मिलान स्वचालित लक्ष्य पहचान और रिमोट सेंसिंग जैसे कई स्रोतों का उपयोग करके एक उपयुक्त प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।

कोलकाता के चर्चित जादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग रोकने के लिए अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की मदद ली जाएगी। इसके लिए राज्यपाल और विश्वविद्यालय के पदेन कुलाधिपति डॉक्टर सीवी आनंद बोस ने इसरो प्रमुख एस सोमनाथ से बातचीत की है। राज भवन ने शुक्रवार को बताया है कि डॉक्टर बोस ने इस संबंध में हैदराबाद के एड्रिन से भी चर्चा की है। उन्होंने विश्वविद्यालय के अस्थाई कुलपति बुद्धदेव साव को इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए अधिकृत किया है।

राज भवन में बैठक हुई
24 अगस्त को राज भवन में विश्वविद्यालय के नवनियुक्त अस्थाई कुलपति साव सहित कई अन्य अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालयों में रैगिंग रोकने के लिए इसरो की तकनीक का इस्तेमाल करने पर चर्चा हुई।

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रैगिंग को रोकने के लिए उन्नत तकनीक
चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद इसरो ने पश्चिम बंगाल में विश्वविद्यालय परिसरों में रैगिंग को रोकने के लिए उन्नत तकनीक के समर्थन की पेशकश की है। राज्यपाल डॉ. बोस ने विश्वविद्यालय परिसरों में रैगिंग के खतरे को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने और खत्म करने के लिए उपयुक्त तकनीक की पहचान करने के लिए इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ से संपर्क किया है। इसरो वीडियो एनालिटिक्स, छवि मिलान स्वचालित लक्ष्य पहचान और रिमोट सेंसिंग जैसे कई स्रोतों का उपयोग करके एक उपयुक्त प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।

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