मानसून का दूसरा चरण भी लगभग खत्म हो चुका है। राजस्थान (Rajasthan) में मानसून (monsoon) पर एक बार फिर से ब्रेक लग गया है। अगले दो सप्ताह तक यह ब्रेक जारी रहेगा। खास बात यह है कि मानसून के दूसरे चरण से पहले प्रदेश के 8 जिलों में 20 प्रतिशत से अधिक बरसात (rain) कम हुई थी। दूसरा फेज भी इन जिलों में यह कमी पूरी नहीं कर पाया है। कुछ जिलों में अभी भी बरसात का आंकड़ा सामान्य से 20 फीसदी से ज्यादा कम है। बांसवाड़ा, बारां, बूंदी, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़ में अभी भी औसत के मुकाबले कम बरसात हुई है। सबसे ज्यादा कमी बारां में 39 प्रतिशत व डूंगरपुर में 33 प्रतिशत है।
राजस्थान में पिछले एक सप्ताह से पूर्वी हिस्सों में लगातार हो रही अच्छी बरसात का दौर 25 अगस्त शाम से थम जाएगा। अगले एक सप्ताह तक राज्य में मौसम शुष्क बने रहने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों (weather experts) के मुताबिक राजस्थान में अगले एक सप्ताह तक मानसून की अच्छी बारिश का कोई बड़ा मौसमी सिस्टम सक्रिय होने की संभावना नहीं है। हालांकि, पूर्वी हिस्सों में कहीं-कहीं नमी होने के कारण स्थानीय स्तर पर बादल बनने से हल्की बारिश हो सकती है।
हिमालय की पहाड़ियों पर आया मानसून ट्रफ लाइन
मौसम केन्द्र जयपुर (Meteorological Center Jaipur) के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि मानसून ट्रफ लाइन अब वापस खिसककर उत्तर दिशा में हिमालय की पहाड़ियों पर आ गई है। इसके साथ ही राजस्थान में पश्चिमी हवा का असर बढ़ गया है। इस कारण एक अब राजस्थान में अगले एक सप्ताह तक मौसम शुष्क बना रहेगा। पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बीकानेर संभाग के जिलों में मौसम पूरी तरह शुष्क बना रहेगा। यहां आज से धूप निकलेगी और स्थानीय स्तर पर सुबह-शाम हल्की ठंडी हवाएं चल सकती है।
अगस्त बीता सूखा
पिछले 24 घंटे में पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, दौसा के अलावा दक्षिणी राजस्थान में डूंगरपुर, उदयपुर एरिया में कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी हुई। जबकि शेष राज्य में मौसम शुष्क रहा। राजधानी जयपुर में दिनभर आसमान में बादल छाए और ग्रामीण इलाकों में कुछ जगह बूंदाबांदी हुई। बादल छाने और हवाएं चलने से जयपुर में लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिली। पश्चिमी राजस्थान में जून-जुलाई में खूब बरसात हुई मगर अगस्त लगभग पूरा ही सूखा बीता है। बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जालोर में न के बराबर बरसात हुई है। वहीं पूर्वी राजस्थान के कुछ जिलों में दूसरे चरण में अच्छी बरसात से अभी बढ़त का कोटा बना हुआ है।
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