बिहार के गोपालगंज में मोटे अनाजों की खेती के लिए कृषि विभाग किसानों को जागरूक करने में जुटा हुआ है। किसान अलग-अलग मोटे अनाजों को उगाएंगे। खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा हैं। जिसमें ज्वार, बाजरा मक्का, मड़ुआ की खेती किसान करेंगे।
ये सभी मोटे अनाज सेहत के गुणों से भरपूर हैं। इन मोटे अनाजों में चावल, गेहूं के मुकाबले कहीं ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। कुपोषण को दूर भगाने और लोगों को सेहतमंद बनाने के लिए अब मोटे अनाज उपयोगी साबित होंगे।
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कृषि विभाग दे रहा है खास ध्यान
मोटे अनाज के उत्पादन पर सरकार के साथ साथ कृषि विभाग अब खास ध्यान दे रहा है। इससे उन किसानों को बेहतर फायदा होगा जो मोटा अनाज उगाते हैं या उगाने का विचार कर रहे हैं। आने वाला समय मोटे अनाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। इस खरीफ मौसम में किसानों ने बाजारा, मक्का की खेती लक्ष्य के अनुरूप किया है।
पोषक तत्वों का खजाना
जिला कृषि पदाधिकारी भूपेन्द्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि गेहूं, चावल के मुकाबले मोटे अनाज को पोषक तत्वों का खजाना माना जाता है। मोटे अनाजों में बीटा कैरोटीन, नियासिन, विटामिन बी6, फोलिक एसिड, पोटैशियम, मैग्निशियम, जिंक के अलावा अन्य विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जो सेहत की दृष्टि से फायदेमंद है। मोटे अनाजों के सेवन से शरीर में उच्च रक्तचाप, अत्यधिक केलोस्ट्रोल, हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर जैसे रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिले में इस साल मोटे अनाज की उपज लक्ष्य के अनुरूप होगी। किसानों का झुकाव भी मोटे अनाज की ओर हुआ है। इसके लिए किसानों के बीच प्रसार प्रसार किया जा रहा है।