सांसद बनेंगे भाजपा के ‘इस्लाम’, यूपी से मिली उम्मीदवारी

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भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए होनेवाले उपचुनाव के लिए डॉ. सैयद जफर इस्लाम को उम्मीदवारी दी है। जफर इस्लाम यदि सांसद चुन लिए गए तो वे भाजपा के पांचवे मुस्लिम सांसद होंगे। जफर इस्लाम फिलहाल भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वे अपनी टीवी वार्ताओं में खुलेपन से अपने विचार पेश करने के लिए पहचाने जाते हैं। राज्यसभा की यह सीट अमर सिंह के निधनके बाद रिक्त हुई है।
लाया महाराज, आया शिवराज
मध्य प्रदेश की राजनीति में उस समय बड़ा उलटफेर हो गया जब कांग्रेस के महाराज ने 16 साल पुरानी मित्रता को विराम लगाकर एक नया अध्याय भाजपा संग शुरू किया। इसी के साथ राज्य में विपक्ष में बैठी भारतीय जानता पार्टी सत्ता में वापस लौट आई। यहां ऑपरेशन लोटस की सफलता का श्रेय मिला डॉ.सैयद जफर इस्लाम को जिन्होंने कांग्रेस को तोड़कर महाराज (ज्योतिरादित्य सिंधिया) को समर्थकों के संग भाजपा में प्रवेश कराया और राज्य में ‘शिवराज’ की सत्ता लौटी। इसके बाद से ही भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही थी।
कौन हैं जफर इस्लाम ?
डॉ.सैयद जफर इस्लाम भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। पार्टी में उनकी सदस्यता सात वर्ष पुरानी है। राजनीति में आने के पहले वे एक इन्वेस्टमेंस्ट बैंकर थे। जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया का संबंध भी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग से रहा है। सिंधिया उस समय मुंबई में रहते थे जहां उनके मित्र मिलिंद देवड़ा के साथ उनका मिलना जुलना था। मिलिंद देवड़ा ने इसी दौरान जफर इस्लाम की भेंट सिंधिया से कराई थी। इसके बाद मुलाकातों का दौर मित्रता में बदल गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता के पद चिन्हों पर चलकर कांग्रेस में आ गए लेकिन जफर इस्लाम बैंकिंग क्षेत्र में बने रहे। लेकिन लगभग सात साल पहले जफर इस्लाम ने भी भाजपा का साथ पकड़ लिया।
नया है साथ पर मजबूत है साख़
जफर इस्लाम का पूरा नाम डॉ.सैयद जफर इस्लाम है। अभी भाजपा की सदस्यता लिए हुए उन्हें महज 7 साल ही हुए हैं लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह की गुड लिस्ट में अपनी जगह बना ली है। जफर इस्लाम के भाजपा से जुड़ने के पीछे भी प्रधानमंत्री मोदी का हाथ था। कुछ वक्त पहले एक अंग्रेजी समाचार पत्र के लिए लिखे गए लेख में इस्लाम ने बताया था कि उन्होंने वर्ष 2013 में राजनीति में कदम रखा था। जब वह यस बैंक में कार्यरत थे तो उनकी मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई और मोदी ने बड़ी गर्मजोशी के साथ जफर इस्लाम से हाथ मिलाया था। यह मुलाकात इतनी ज्यादा खास रही कि वह भाजपा के राष्ट्रनिर्माण के सपने को आगे बढ़ाने के लिए राजनीति से जुड़ गए।
लंबी कोशिश के बाद खिला कमल
सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश में ऑपरेशन कमल का कार्य कांग्रेस सरकार गिरने के पांच महीने पहले ही जफर इस्लाम ने शुरू कर दी थी। वह लगातार सिंधिया को भाजपा में शामिल होने के लिए मनात रहे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई बार तो उन्होंने साथ में खाना भी खाया। लेकिन जफर इस्लाम ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने होटल में कभी सिंधिया से मुलाकात की। हां, खाना जरूर खाया यह स्वीकार भी किया।
नरेंद्र का नाम जफर का था काम
मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोटस की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संभाली थी। जबकि जफर इस्लाम उनके सहयोगी थे। उनका नाम तब तक सामने नहीं आया जब कि वह खुद सिंधिया को लेने के लिए उनके घर नहीं गए। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद हुए खुलासे में सामने आया कि होली के दिन जब प्रधानमंत्री ने सिंधिया से मुलाकात की थी तो कमरे में तीन नहीं चार लोग थे। पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दूसरे गृह मंत्री अमित शाह, तीसरे ज्योतिरादित्य सिंधिया और अंतिम शख्स जफर इस्लाम थे। अपनी कुशलता से जफर इस्लाम ने मध्य प्रदेश की राजनीति में भाजपा के धुर विरोधी और सबसे बड़े युवा नेता को भाजपा के साथ लाकर खड़ा कर दिया। जिसके बाद ही शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया कि स्वागत है महाराज, साथ है शिवराज।

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