उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक भरी गाड़ी मिलने के मामले में एक आतंकी संगठन का नाम सामने आया है। जिसने इस घटना की जिम्मेदारी ली है। मुंबई पुलिस इससे चौकन्नी हो गई है।
मुंबई के गोपालराव देशमुख मार्ग (पेडर रोड) से लगे अल्टामाउंट रोड पर देश के अग्रणी उद्योगपति मुकेश अंबानी का घर है। वहां गाड़ी में विस्फोटक बरामदगी के मामले में एक आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी ली है और ये उस पुलिस की सुरक्षा देखरेख में हुआ जो आतंक पर कार्रवाई और गुप्त सूचनाओं के लिए सभी स्तर पर तत्पर रहती है। इस पूरी आतंकी कार्रवाई में स्लीपर सेल के सक्रिय होने का अंदेशा सुरक्षा जानकारों और पुलिस को है।
स्लीपर सेल की सक्रियता के दो प्रमुख कारण…
- 1) इस मामले की जांच में मुंबई पुलिस की कोर टीमें काम कर रही हैं। इसमें मुंबई पुलिस का आतंक निरोधक दल (एटीएस), अपराध अन्वेषण ब्यूरो (क्राइम ब्रांच) तथा अन्य सभी सहायक दल सम्मिलित हैं। पुलिस के सूत्रों से मिली गुप्त जानकारी के अनुसार इसमें एंटिलिया निवास के पास का भी कोई हो सकता है। जिसे पूरी गतिविधि, घर से निकलने वाली कोनवॉय की गाड़ियां और समय का पूरा ज्ञान हो।
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- 2) सुरक्षा मामलों के जानकारों के अनुसार आतंक के वातावरण को खड़ा करने के लिए यह घटना की गई है। जिसका उद्देश्य डर फैलाना था न कि, विस्फोट कराना। इसके लिए संभव है आतंकी गिरोह ने मुंबई के अपराधियों या कट्टरवादी समूहों की सहायता ली हो जो ‘स्लीपर सेल’ की तरह कार्य कर रहे हों। इसीलिए इस घटना की पूरी जानकारी आतंकी समूहों को मिल रही है।
सुरक्षा मामलों के जानकारों के अनुसार शहर में बाहर से आनेवाले संदिग्धों के आनेजाने की जानकारी साधारतया मुंबई पुलिस के गुप्तचर विभाग को लग ही जाती है। मुंबई पुलिस का नेटवर्क और तकनीकी इस कार्य में सक्षम है। इसलिए यह शहर में स्थित स्लीपर सेल की तरह कार्य करनेवाले कट्टरवादी या अपराधियों का काम हो सकता है।
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इसलिए जांच जा सकती है एनआईए के पास
आतंकी संगठन का नाम सामने आने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (एनआईए) के पास जांच कार्य सौंपे जाने की पूरी संभावना है। ‘जैश उल हिंद’ ने इसके पहले दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास कार में विस्फोट कराने की जिम्मेदारी भी ली थी।
मुकेश अंबानी के घर के बाहर लावारिस गाड़ी में विस्फोटक पाए जाने का जिम्मेदारी भी जैश उल हिंद नामक आतंकी संगठन ने ही ली है। इस आतंकी समूह ने टेलीग्राम के माध्यम से प्रसारित संदेश में यह दावा किया है। उसने सुरक्षा के लिए बिटकॉइन के माध्यम से पैसों की मांग भी की है।